मध्य चीन में एक टूरिस्ट बस के रेलिंग से टकराने के बाद लपटों से घिर जाने की वजह से कम से कम 35 लोगों की मौत हो गई और 20 अन्य घायल हो गए। यह घटना हुनान प्रांत में हुई। बस में 56 लोग सवार थे।
पूर्व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा ने एनएसजी की सदस्यता पाने के लिए देश के पुरजोर प्रयासों पर नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना करते हुए रविवार को कहा कि इसकी कोई जरूरत नहीं थी और सदस्यता पाकर भारत को कोई फायदा नहीं होगा, नुकसान ही होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार में बैठे लोग उसे हर दिन गुमराह कर रहे हैं।
भारत सहित परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर दस्तखत नहीं करने वाले देशों की सदस्यता पर चर्चा के लिए परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की एक बार फिर बैठक हो सकती है। इस बीच, भारत ने रविवार को चीन को स्पष्ट कर दिया कि द्विपक्षीय संबंधों में आगे बढ़ने के लिए भारत के हितों का ख्याल रखना जरूरी है।
सियोल में शीर्षस्तर की बातचीत खतम हो चुकी है। बैठक के नतीजे की अौपचारिक घोषणा होना बाकी है। सदस्यता पर भारत की संभावना धूमिल हो गर्इ हैं। अड़ियल चीन अंत तक भारत के विरोध में कायम रहा। उसने आपूर्तिकर्ता समूह में भारत के प्रवेश पर समर्थन देने से साफ इनकार किया है। हालांकि ग्रुप के 48 देशों मेंं से 47 देशों ने अपनी सहमति दे दी है। लेकिन इससे भारत को कोई विशेष फायदा नहीं हुआ। चीन का कहना है कि एनएसजी के नियमों का पालन किए बिना वह भारत के प्रवेश का समर्थन नहीं करेगा।
एनएसजी की सदस्यता हासिल करने में मोदी सरकार की नाकामी के बाद कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने कहा कि यह भारत के लिए शर्मनाक है। पीएम मोदी ने इस पूरे मसले पर देश को शर्मसार किया है।
शंघाई विदेश मामलों के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि चीन शहरों के आर्थिक विकास से उत्पन्न वायु प्रदूषण जैसे पर्यावरण ह्रास के प्रभावों से निपटने के लिए भारत के साथ आधुनिक प्रौद्योगिकी, अनुभव और हरित साधन साझा करने के लिए तैयार है।
सियोल में सोमवार से से शुरू हुई 48 परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) देशों की बैठक के दौरान संगठन का सदस्य बनने की भारत की आशाओं को उस वक्त तगड़ा झटका लगा जब चीन ने कहा कि यह मुद्दा बैठक के एजेंडे में शामिल नहीं है।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा है कि भारत की एनएसजी की सदस्यता पर चीन को मना लिया जाएगा। सुषमा ने विश्वास जताते हुए कहा कि हम इस मसले पर चीन को राजी कर लेंगे। उन्होंने कहा कि अभी सरकार का सारा ध्यान यह सुनिश्चित करने पर है कि इस साल देश को एनएसजी की सदस्यता हर हाल में मिल जाए। लिहाजा हम इस दिशा में सभी हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
चीन देश के सूखा प्रभावित महाराष्ट्र में बारिश करा सकने वाली प्रौद्योगिकी क्लाउड सीडिंग उपलब्ध कराने और स्थानीय मौसम विभाग के कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के संदर्भ में भारत से बात कर रहा है। बीजिंग, शंघाई और चीन के पूर्वी अन्हुई प्रांत के वैज्ञानिकों एवं अधिकारियों के एक दल ने महाराष्ट्र की हालिया यात्रा के दौरान इस तरह के सहयोग की पेशकश की। महाराष्ट्र पिछले दो साल से भारी सूखे का सामना कर रहा है।