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भाजपा विधायक ने कानून की डिग्री हासिल करने के लिए कानून को ही दिखाया ठेंगा

भाजपा विधायक ने कानून की डिग्री हासिल करने के लिए कानून को ही दिखाया ठेंगा

राजस्‍थान में भाजपा विधायक चंद्रकांता मेघवाल एक भी दिन कॉलेज जाए बिना एलएलबी के फर्स्ट और सेकेंड सेमेस्टर की परीक्षा दे डाली। सत्ता पक्ष की विधायक होने की वजह से उन्‍हें कोर्इ ऐसा करने से रोक भी नहीं पाया। माइग्रेशन न होने के कारण हालांकि फर्स्ट सेमेस्टर का उनका परिणाम जरूर रोक दिया गया है।
बिहार सरकार पर गरजे कन्हैया, छात्रों को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर न करें

बिहार सरकार पर गरजे कन्हैया, छात्रों को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर न करें

जेएनयू छात्रासंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने पटना आर्ट्स कॉलेज में जारी छात्रों के आंदोलन को समाप्त कराए जाने और बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की परीक्षा तिथि में बदलाव की अपील बिहार सरकार से करते हुए रविवार को कहा कि छात्रों को पढ़ने दिया जाए, उन्हें सड़कों पर उतरने के लिए विवश न किया जाए।
बिहार: टाॅपर्स घोटाले का सरगना बच्चा राय गिरफ्तार

बिहार: टाॅपर्स घोटाले का सरगना बच्चा राय गिरफ्तार

बिहार इंटरमिडिएट परिक्षा के टॉपर घोटाले के कथित सरगना बच्चा राय को पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। बच्चा राय वैशाली जिले के विवादित विशुन राय कॉलेज के सचिव सह प्राचार्य हैं। दो विवादित पर रुबी राय और सौरभ श्रेष्ठ इसी कॉलेज के छात्र हैं।
मेडिकल रिसर्च के लिए अपना ‘मंदिर’ दान कर गए ‘पॉकेट हरक्युलिस’

मेडिकल रिसर्च के लिए अपना ‘मंदिर’ दान कर गए ‘पॉकेट हरक्युलिस’

वे मानव शरीर को ‘मंदिर’ मानते थे। मंदिर की तरह ही अपने शरीर की उन्होंने देखभाल की। 104 साल की उम्र पाई। यहां बात देश के पहले मिस्टर यूनिवर्स मनोहर आइच की हो रही है। रविवार को उनका निधन हो गया। वे अपने ‘मंदिर’ को मेडिकल रिसर्च के लिए दान कर गए। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में उनका ‘मंदिर’ यानी शरीर मेडिकल के विद्यार्थियों के रिसर्च के काम आएगा।
ट्रंप विरोधियों में शामिल हुईं मिशेल, बोलीं दीवारे नहीं बनाता अमेरिका

ट्रंप विरोधियों में शामिल हुईं मिशेल, बोलीं दीवारे नहीं बनाता अमेरिका

अमेरिका की प्रथम महिला मिशेल ओबामा भी औपचारिक रूप से ट्रंप विरोधियों में शामिल हो गई हैं। उन्होंने राष्ट्रपति पद के भावी रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना करते हुए कहा कि अमेरिका आप्रवासियों को बाहर रखने के लिए दीवारें नहीं बनवाता है।
जाट हिंसा: हरियाणा में जितनी सेना तैनात थी उससे पाक से लड़ाई हो सकती थी

जाट हिंसा: हरियाणा में जितनी सेना तैनात थी उससे पाक से लड़ाई हो सकती थी

हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा पर गठित की गई कमेटी के अध्‍यक्ष बीएसएफ के पूर्व डायरेक्‍टर जनरल प्रकाश सिंह ने अपनी रिपोर्ट में दंगा रोकने में नाकाम राज्‍य प्रशासन के करीब 80 अधिकारियों का नाम शामिल किया है। इनमें पांच आईएएस तथा पांच आईपीएस अधिकारी भी हैं। सेना की मौजूदगी को गंभीरता से लेते हुए कमेटी ने कहा कि पाकिस्‍तान के साथ एक छोटे युद़ध में जितनी सेना लगार्इ्र जा सकती है, उतने जवान हरियाणा में उतार दिए गए थे।
ईरान से भारत के मजबूत होते संबंधों पर अमेरिका की गहरी निगाह

ईरान से भारत के मजबूत होते संबंधों पर अमेरिका की गहरी निगाह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ईरान यात्रा से भारत-ईरान के मजबूत होते रिश्तों पर अमेरिका बेहद करीब से नजर रख रहा है। चाबहार बंदरगाह के लिए 50 करोड़ डॉलर निवेश की भारत की घोषणा को लेकर ओबामा सरकार ने सांसदों से कहा है कि अमेरिका ईरान के साथ भारत के बढ़ते रिश्तों पर बहुत करीब से निगाह रख रहा है और देखेगा कि क्या इसके कानूनी पहलु और जरूरतें पूरी की गई हैं या नहीं।
बंगाल व असम चुनावः हिस्ट्रीशीटरों की गतिविधियों पर प्रशासन ढीला

बंगाल व असम चुनावः हिस्ट्रीशीटरों की गतिविधियों पर प्रशासन ढीला

तमाम प्रशासनिक उपायों और सुरक्षा चौकसी के बावजूद बंगाल और असम में विधानसभा चुनाव के दौरान हिंसा और बोगस वोटिंग की आशंका बनी हुई है। खासकर, बंगाल को लेकर सिरदर्द ज्यादा है। बंगाल में बिहार, झारखंड, उड़ीसा और पड़ोसी देश नेपाल और बांग्लादेश से असामाजिक तत्वों को राजनीतिक पार्टियों द्वारा बुलाए जाने की खबरें आई हैं। बंगाल के गांवों में राजनीतिक हिंसा बढ़ने लगी है।
टेकचंद की कहानी - बछड़ा मरा हुआ

टेकचंद की कहानी - बछड़ा मरा हुआ

कहानी मोर का पंख के लिए राजेन्द्र यादव हंस कथा सम्मान, हरियाणा दलित साहित्य अकादमी द्वारा डॉ. आंबेडकर विशिष्ट सेवा सम्मान। अज्ञेय एक समग्र अवलोकन, दौड़ तथा अन्य कहानियां, मोर का पंख तथा अन्य कहानियां और भाषा साहित्य और सर्जनात्मकता नाम से पुस्तकें। दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रद्धानंद महाविद्य़ालय में अध्यापन।
हिंदू कॉलेज में जीवंत हुए प्रेमचंद

हिंदू कॉलेज में जीवंत हुए प्रेमचंद

प्रेमचंद ने जातिभेद पर तीखा प्रहार किया है जो हमारे समाज के लिए आज भी रोशनी का स्रोत है। कफन और सद्गति से काफी पहले मुक्ति मार्ग में वह इस समस्या से गंभीर मुठभेड़ कर चुके थे और उनका लेखन इस समस्या को दिखाता ही नहीं बल्कि इसे हल करने की दिशा भी देता है।
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