आगरा में भाजपा नेता की हत्या के बाद जमकर बवाल हुआ। गुस्साए लोगों ने एक आरोपी को पकड़ लिया और उसे पीट-पीटकर मार डाला। पुलिस गाड़ी को भी आग के हवाले कर दिया।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में हिंसा के बाद इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। उपद्रवियों को चेताते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि किसी भी कीमत पर शहर की फिजा नहीं बिगड़ने दी जाएगी।
प्रशासन से अनुमति न मिलने के बावजूद शनिवार को राहुल गांधी ने सहारनपुर पहुंचकर हिंसा पीड़ित परिवारों से मुलाकात की है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर बताया कि वे पैदल चलकर शहांजहांपुर चौकी पहुंचे और पीड़ित परिवारों से मिले।
सहारनपुर हिंसा यूपी सरकार के काबू में नहीं आ रही है। इसके पहले अखिलेश सरकार में मुजफ्फरनगर सुलगा था तो योगी सरकार में सहारनपुर। योगी सरकार, पूर्ववर्ती सरकार से कोई सबक लेती नहीं दिख रही है?
उत्तर प्रदेश की बिगड़ती कानून-व्यवस्था मोदी सरकार के तीन साल के जश्न का मजा किरकिरा कर सकती है। मोदी और योगी पर हमले के मुद्देे तलाश रहे विपक्ष को सहारनपुर हिंसा और ग्रेटर नोएडा में चार महिलाओं से गैंगरेप की घटना ने बड़ा मुद्दा दे दिया है।
सहारनपुर में जतीय हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है। उधर सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं कि मैनचेस्टर हमले की निंदा करने वाले प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी सहारनुपर हिंसा पर मौन धारण क्यों किए हुए हैं।
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में हिंसक घटनाओं पर काबू पाने में नाकाम जिलाधिकारी एनपी सिंह और एसएसपी सुभाष चंद्र दुबे को निलंबित कर दिया गया है। अब प्रमोद पांडे सहारनपुर के नए डीएम होंगे। बबलू कुमार को एसएसपी का दायित्व दिया गया है।
समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने सहारनपुर में एक फिर हिंसा भड़कने पर भाजपा और प्रदेश सरकार पर हमला बोला है। रामगोपाल ने कहा कि सहारनपुर हिंसा भाजपा की राजनीति का दुष्परिणाम है।
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में मंगलवार को एक बार फिर से जमकर हिंसा हुई। मायावती की सभा से लौट रहे लोगों को दंगाइयों ने अपना निशाना बनाया। इस दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि 9 लोग घायल हो गए। इस घटना के बाद पूरे प्रदेश में जातीय संगठनों के प्रदर्शनों पर रोक लगा दी गई है।
सहारनपुर में हुई हिंसा के बाद 180 दलित परिवारों ने बौद्ध धर्म ग्रहण कर लिया है। दलितों की भीम आर्मी पर हिंसा और दंगे फैलाने का आरोप लगा है। दलितों ने इसी से खफा होकर इस तरह का कदम उठाया है। ये दलित तीन गांवों रूपड़ी, ईगरी व कपूरपुर के हैं। इन्होंने हिंदू धर्म त्यागने के दौरान बकायदा देवी-देवताओं की मूर्तियां पानी में प्रवाहित कर दी। दलितों ने पुलिस-प्रशासन पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है।