देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमात ए इस्लामी हिंद ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में घुसकर सेना द्वारा आतंकी ठिकानों पर की गई कार्रवाई (सर्जिकल स्ट्राइक) का समर्थन करते हुए आज कहा कि भारत एक संप्रभु देश है और उसे अपनी एवं अपने लोगों की रक्षा करने का पूरा अधिकार हासिल है।
एक साथ तीन तलाक के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय में केंद्र सरकार के सख्त रूख अपनाने की संभावना के बीच देश की कुछ प्रमुख मुस्लिम महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि सरकार देश की सबसे बड़ी अदालत में इस महिला विरोधी प्रथा का विरोध करे और इस पर रोक सुनिश्चित कराए।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने पार्टी का दामन छोड़कर भाजपा में गए स्वामी प्रसाद मौर्य की आज की रैली को फ्लॉप बताते हुए कहा कि भाजपा को खुद ही पछतावा हो रहा होगा कि खोदा पहाड़ और निकली चुहिया। इस रैली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी मौजूद थे। माना जा रहा है कि इस रैली के जरिये मौर्य अपनी ताकत दिखाना चाह रहे थे।
समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने पार्टी के तीन विधान परिषद सदस्यों और तीन युवा संगठनों के प्रदेश अध्यक्षों समेत सात नेताओं को आज पार्टी से निष्कासित कर दिया। निकाले गए सभी नेता मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बेहद करीबी बताए जा रहे हैं।
इस्लामिक स्टेट के आतंकियों की कैद में बलात्कार और प्रताड़नाएं झेलने के बाद बच निकलने में सफल रही एक युवती को संयुक्त राष्ट्र ने सद्भावना दूत नामित किया है। इराकी युवती नादिया मुराद को मानव तस्करी के जाल से बचे लोगों के सम्मान में सद्भावना दूत बनाया गया।
वामपंथी दलों और दलित संगठनों के नेताओं ने शुक्रवार को राजग सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कथित गोरक्षकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया और दावा किया कि समुदाय के सदस्यों के खिलाफ अत्याचार के मामले बढ़ रहे हैं।
विदेशी कोष नियमों का कथित उल्लंघन करने को लेकर गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) पर सरकार की कार्रवाई के बीच उच्चतम न्यायालय ने देश भर में कुकुरमुत्ते की तरह उग आए ऐसे करीब 30 लाख संस्थाओं को गंभीरता से लिया है। इनमें से कई एनजीओ बरसों से आयकर रिटर्न नहीं दाखिल कर रहे हैं।
कावेरी नदी से जल छोड़ने को लेकर विवाद के बीच बेंगलुरू समेत कर्नाटक के कुछ हिस्सों में हिंसा की छिट-पुट घटनाएं बढ़ गई हैं। वहीं पड़ोसी राज्य तमिलनाडु और पुडुचेरी के विभिन्न हिस्सों में कुछ तमिल संगठनों ने कर्नाटक के खिलाफ प्रदर्शन किए और उसके कुछ वाणिज्यिक एवं सरकारी प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया।