प्रख्यात समाजवादी चिंतक, संपादक और कवि कमलेश का शनिवार सुबह दिल्ली में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। वह 78 वर्ष के थे और कुछ समय से बीमार चल रहे थे।
वामपंथी विचारधारा के जाने-माने पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता प्रफुल्ल बिदवई का एम्सटर्डम में निधन हो गया है। एक रेस्तरां में मांस का एक टुकड़ा उनके गले में फंस गया और उनकी मौके पर ही मृत्यु हो गई।
संयुक्त राष्ट्र से जात आधारित भेदभाव को स्वीकार कर अपने मसौदे में शामिल करने की मांग ने जोर पकड़ा। एशिया दलित राइट्स फोरम ने मसौदे में सात संशोधन पेश किए।
ग्रीनपीस इंडिया ने दावा किया कि उसके अंतरराष्ट्रीय स्टाफ के एक सदस्य को वैध दस्तावेज होने के बावजूद भारत में प्रवेश की इजाजत नहीं मिली। एनजीओ के अनुसार, ग्रीनपीस इंटरनेशनल के एक सदस्य एरन गैरी ब्लाक यहां के कर्मचारियों के साथ बैठक के लिए शनिवार को सिडनी से विमान से चले। वह आस्ट्रेलिया के पासपोर्ट पर सफर कर रहे थे। लेकिन उन्हें भारत में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई।
एक नई स्वतंत्र रिपोर्ट में कहा गया है कि श्रीलंका लिट्टे के पराजय के साथ देश में गृह युद्ध खत्म होने के छह साल बाद भी अपने धार्मिक और जातीय मूल के अल्पसंख्यकों के अधिकारों का उल्लंघन कर रहा है।
सर्वोच्च न्यायालय ने आज शबनम और उसके प्रेमी को दी गई फांसी की सजा पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही एक बार फिर मृत्य दंड पर बहस तेज हो गई है। इस बहस में में एशियन सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स की नई रिपोर्ट –भारतः अंतःकरण के नाम पर मौत (इंडियाः डेथ इन द नेम ऑफ कॉन्सिएंस) ने नई रोशनी डाली है। इस रिपोर्ट ने समाज के विवेक या अंतःकरण के नाम पर दिए गए मृत्यु दंड के पीछे के विरोधाभास, कानूनी मानदंड़ों के ह्रास को बेबाकी से सामने रखा है।
ब्रिटेन में डेविड कैमरन की कंजरवेटिव पार्टी को पूर्ण बहुमत मिल गया है। लगातार दूसरी बार सरकार बनाने जा रहे कैमरन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर बधाई दी है।
ब्रिटेन के चुनावों की असली कहानी दो समांतर रुझानों की कहानी है। एक रुझान केंद्रीकरण और स्थिरता की तरफ है। दूसरा रुझान विकेंद्रीकरण की ओर है। कंजरवेटिव पार्टी को बहुमत दिलाने में पहले रुझान का हाथ तो स्पष्ट है लेकिन दूसरे रुझान ने भी उसे उतनी ही ताकत पहुंचाई। स्कॉटलैंड में स्कॉटिश नेशनल पार्टी (एसएनपी) को मिली अपूर्व सफलता, उस तरह की सफलता जैसी दिल्ली में आम आदमी पार्टी को मिली है, दूसरे रुझान की ताकत का संकेत है। यह विश्व के सबसे पुराने राजनीतिक संघ यूनाइटेड किंगडम के ढांचे को पुनर्परिभाषित करेगा। इस दूसरे रूझान ने स्कॉटलैंड में लेबर पार्टी की जड़ खोद दी और वेल्स में भी स्थानीय दल प्लेड सिमरू को मिले वोटों ने लेबर पार्टी के ही वोट काटे। जब विकेंद्रीकरण के हामी स्थानीय दलों ने मुख्य विपक्षी दल लेबर पार्टी का जनाधार और एक हद तक वैचारिक आधार भी चुरा लिया तो सत्तारूढ कंजरवेटिव पार्टी को फायदा मिलना ही था।