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दिल्‍ली में चिकनगुनिया से 4 मौतें, एक ही मंत्री शहर में मौजूद

दिल्‍ली में चिकनगुनिया से 4 मौतें, एक ही मंत्री शहर में मौजूद

देश की राजधानी में जानलेवा डेंगू और चिकनगुनिया का घातक असर दिखने लगा है। अस्पतालों में चिकित्‍सा की बदहाल व्‍यवस्‍था से मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी भयानक स्थिति के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से लेकर स्वास्थ्य मंत्री सत्‍येंद्र जैन तक दिल्ली से गायब हैं। शहर में दिल्ली सरकार का सिर्फ एक मंत्री मौजूद है। वह भी दिल्‍ली के उप राज्‍यपाल और तीनों निगमों के मेयर पर बदहाल व्‍यवस्‍था के लिए आरोप लगा रहा है। दिल्ली में पिछले 24 घंटे चिकनगुनिया से मरने वालों की संख्या 4 हो गई है।
चिकनगुनिया से दिल्ली में हाहाकार, एम्स में 885 लोगों के रक्त के नमूने पॉजीटिव

चिकनगुनिया से दिल्ली में हाहाकार, एम्स में 885 लोगों के रक्त के नमूने पॉजीटिव

एम्स में पिछले दो माह में चिकनगुनिया के करीब 890 मामलों की पुष्टि हुई है। इससे पता चलता है कि इस वेक्टर जनित रोग ने किस प्रकार दिल्ली को अपनी चपेट में लिया है और लोग अस्पतालों का चक्कर काटने के लिए मजबूर हैं।
डेंगू के बाद अब दिल्ली में स्वाइन फ्लू का खतरा

डेंगू के बाद अब दिल्ली में स्वाइन फ्लू का खतरा

डेंगू संकट से जूझ रहे दिल्लीवासियों के ऊपर अब स्वाइन फ्लू का खतरा मंडरा रहा है। दिल्ली में स्वाइन फ्लू फैलने की आशंका है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने स्वाइन फ्लू के संभावित खतरे से दिल्लीवासियों को चेताया है।
डेंगू से अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी की मौत, शोक की लहर

डेंगू से अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी की मौत, शोक की लहर

डेंगू के डंक ने अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी प्रताप पहलवान कबलाना को ऐसा चित किया कि वह जिंदगी की बाजी ही हार गया। पहलवान का इलाज गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में चल रहा था। पहलवान की मौत से पूरे खेल जगत में शोक की लहर है।
डेंगू : बिस्तरों की मांग पूरी करने के लिए जूझ रहे अस्पताल

डेंगू : बिस्तरों की मांग पूरी करने के लिए जूझ रहे अस्पताल

दिल्ली में पांच साल में डेंगू के सबसे बुरे प्रकोप के चलते यहां अस्पतालों को मरीजों के लिए बिस्तर उपलब्ध कराने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है जबकि चिकित्सक शिकायत कर रहे हैं कि वे काम के बोझ से दबे जा रहे हैं। हालांकि स्वास्थ्य अधिकारियों ने वेक्टर-जनित रोग को नियंत्राण करने के लिए उपाय तेज कर दिए हैं, लेकिन स्थिति को पूरी तरह काबू में किया जाना अभी बाकी है, क्योंकि डेंगू के मामलों की संख्या 2,000 तक पहुंचने को है।
डेंगू हमेशा घातक नहीं

डेंगू हमेशा घातक नहीं

बारिश का मौसम जैसे-जैसे आगे बढ़ता जाता है डेंगू के मरीजों की भीड़ अस्पतालों और डॉक्टरों के क्लिनिकों में बढ़ने लगती है। जिन डॉक्टरों के यहां सामान्य रूप से मरीज को भर्ती करने की कोई सुविधा नहीं होती उनके यहां भी कुछ बिस्तर लगाकर मरीजों को पानी चढ़ाने के दृश्य आम देखे जा सकते हैं।
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