अगर आज महाकवि सूरदास होते तो शायद ‘मैया मैं तो चंद्र खिलौना लैहौं’ की जगह यह लिखते, मैया मैं तो चांद पे घर बनवैहौं। यह कहने की वजह यह है कि अभी ज्यादा दिन बीता है, स्पेस एक्स नाम की एक प्राइवेट स्पेस एजेंसी ने बताया था कि उसने दो लोगों को पर्यटक के तौर पर चांद की धरा की सैर कराने की योजना बनाई है। इस बीच कल दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी ने उससे आगे की रोमांचक खबर सुना दी।
नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा की गई राशि की जांच पड़ताल में सरकार को करीब तीन से चार लाख करोड़ रुपये की आय में कर चोरी का पता चला है। यह राशि नोटबंदी के बाद 500, 1,000 रुपये के पुराने नोट जमा कराने की 50 दिन की अवधि में जमा कराई गई।
भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को 30 दिसंबर तक एक बैंक खाते में 500 और 1,000 के पुराने या बंद नोटाें में 5,000 रुपये से अधिक की राशि जमा कराने पर कड़े अंकुश लगा दिए। अब 30 दिसंबर तक एक बैंक खाते में पुराने नोटाें में सिर्फ एक बार ही 5,000 रुपये से अधिक की राशि जमा कराई जा सकेगी। इसके लिए जमाकर्ता को बैंक अधिकारियाें को अभी तक पैसा जमा न कराने की वजह बतानी होगी।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने भविष्य निधि जमाओं ईपीएफ पर चालू वित्त वर्ष के लिये ब्याज दर को आज घटाकर 8.65 प्रतिशत कर दिया। ईपीएफ पर चार साल में यह सबसे कम ब्याज दर है।
नोटबंदी के बाद केंद्र सरकार को लगता है कि बैंकों के पास जो पैसा आया है, शायद उनकी गिनती ठीक से नहीं हुई है। बैंकों के पास बंद हो चुके 13 लाख करोड़ रुपये के नोट आ चुके हैं। इस तरह से जितनी मुद्रा को निरस्त किया गया था, वह पूरी रकम उन्हें मिल चुकी है। जबकि पुराने नोटों को जमा कराने की अंतिम तारीख 30 दिसंबर है। सरकार ने रिजर्व बैंक और बैंकों से जमा कराए गए नोटों को फिर से जांचने को कहा है।
आयकर विभाग बैंक खातों में बड़ी राशि की अस्पष्ट जमाओं पर सालाना आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल किए जाने से पहले ही 200 प्रतिशत तक का भारी जुर्माना लगा सकता है। सरकार के इस कदम का उद्देश्य यही है कि पुराने नोटों को बदलने की 50 दिन की अवधि में लोग अपने कालेधन को वैध न बना सकें।