ईवीएम के साथ वीवीपीएटी मशीनों के इस्तेमाल को लेकर राजनीति तेज है। इस बीच खबर आ रही है कि केंद्र सरकार ने आज वीवीपीएटी मशीनों की खरीद के लिए 3,174 करोड़ रुपए के फंड को मंजूरी दे दी है।
ईवीएम में छेड़छाड़ के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी के भीतर ही मतभेद बढ़ते जा रहे हैैं। ईवीएम में छेड़छाड़ के आरोप को नकारने वाले पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पर उनकी ही पार्टी के नेता मनीष तिवारी ने सवाल उठाया है। तिवारी का कहना है कि साल 2010 और 2001 में जब अमरिंदर सिंह पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष थे, तब उन्होंने बताया था कि ईवीएम से कैसे छेड़छाड़ की जा सकती है।
कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली ने ईवीएम को लेकर देशभर में छिड़ी बहस का विरोध किया है। उन्होंने ईवीएम का समर्थन करते हुए, इसको लेकर हो रहे विरोध को बेकार बताया है। उन्होंने कहा कि हम इवीएम में हुई गड़बड़ी के आरोपों की जांच के लिए कमेटी बना सकते हैं, लेकिन दोबारा पुरानी प्रक्रिया से चुनाव कराने का सवाल नहीं उठता।
ईवीएम के साथ छेड़छाड़ के आरोप के बीच एक बार फिर चुनाव आयोग ने दावा किया है कि ईवीएम के साथ कोई छेड़छाड़ संभव नहीं है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर बार-बार सवाल उठाए जाने के बाद चुनाव आयोग मई के पहले हफ्ते में मशीन से छेड़छाड़ साबित करने की चुनौती देगा। यह चुनौती 10 दिन तक खुली रहेगी। इस दौरान ईवीएम में तीन से चार स्तर तक टैंपरिंग करने की खुली चुनौती होगी।
सरकारी खर्च से भाजपा नेता अरुण जेटली के खिलाफ केस लड़ने के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर लगे आरोप का बचाव करते हुए दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह सब मामला कुल मिलाकर ईवीएम मामले से जनता का ध्यान हटाने के लिए सामने लाया जा रहा है।
चुनावों में मतपत्रों के इस्तेमाल के लिए कानून में बदलाव करने की कोई जरूरत नहीं है लेकिन चुनाव आयोग का मानना है कि चुनाव कराने के लिए ईवीएम ज्यादा विश्वसनीय और सुरक्षित तरीका है।
भाजपा शासित मध्यप्रदेश में ईवीएम को लेकर एक गड़बड़ी सामने आई है। चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश के भिंड में जिला निवार्चन अधिकारियों से पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है।