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राम नाईक का आरोप, गोविंदा ने मुझे हराने के लिए दाऊद की मदद ली

राम नाईक का आरोप, गोविंदा ने मुझे हराने के लिए दाऊद की मदद ली

उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने अपनी पुस्तक में आरोप लगाया है कि अभिनेता से राजनीति में आए गोविंदा ने साल 2004 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हराने के लिए अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम की मदद ली थी।
प्रचार के भूखे सिद्धार्थ मल्होत्रा

प्रचार के भूखे सिद्धार्थ मल्होत्रा

कपूर एंड सन्स के अभिनेता सिद्धार्थ मल्होत्रा ने अपनी आने वाली फिल्म बार बार देखो की शूटिंग पूरी कर ली है। इस फिल्म में वह कैटरीना कैफ के साथ नजर आएंगे।
राष्ट्रीय पुरस्कार में ‘पीकू’ ने दम लगाया हाईशा

राष्ट्रीय पुरस्कार में ‘पीकू’ ने दम लगाया हाईशा

इस बार के राष्ट्रीय पुरस्कारों में अलग हट कर बनी फिल्मों ने बाजी मारी है। दम लगा के हाईशा, पीकू और तनु वेड्स मनु रिटर्न्स का पुरस्कारों की सूची में तीन महत्वपूर्ण स्थान लेना दिखाता है कि ‘ऑफ बीट’ सिनेमा का दम अब तक बरकरार है।
भारतीय खेल इतिहास पर किताब

भारतीय खेल इतिहास पर किताब

सिंगापुर विश्वविद्यालय के थिंक टैंक माने जाने वाले इंस्टीट्यूट ऑफ साउथ एशिया स्टडीज के वरिष्ठ शोधार्थी रोनोनंजय सेन ने नेशन एट प्ले : ए हिस्ट्री ऑफ स्पोर्ट इन इंडिया नाम एक किताब लिखी है।
मशहूर अभिनेता मनोज कुमार को दादासाहेब फाल्के सम्मान

मशहूर अभिनेता मनोज कुमार को दादासाहेब फाल्के सम्मान

मशहूर अभिनेता मनोज कुमार को साल 2015 का दादासाहेब फाल्के अवार्ड दिया जाएगा। अपनी विशिष्ट अभिनय शैली और देशभक्ति की भावना से भरी फिल्मों के लिए मनोज कुमार लाखों भारतीय दिलों पर राज करते हैं।
बांग्लादेशी निर्देशक की अंतरराष्ट्रीय फिल्म में नजर आएंगे इरफान

बांग्लादेशी निर्देशक की अंतरराष्ट्रीय फिल्म में नजर आएंगे इरफान

अपने संजीदा अभिनय के लिए मशहूर इरफान खान जल्द ही जाने-माने बांग्लादेशी निर्देशक मुस्तफा सरवर फारूकी के निर्देशन में बनने वाली अंतरराष्ट्रीय फिल्म नो बेड ऑफ रोजेज में मुख्य भूमिका में नजर आएंगे।
समीक्षा – बॉलीवुड डायरीज

समीक्षा – बॉलीवुड डायरीज

सफलता की मिसालें होती हैं और असफलता की कहानियां। इन कहानियों से कभी जोश आता है तो कभी निराशा। के डी सत्यम ने अपने निर्देशन में बॉलीवुड डायरीज में ऐसी ही तीन कहानी नहीं तीन दीवानों को जगह दी है।
हम असहिष्णुता के लिए सहिष्णु हैं – प्रो. सेन

हम असहिष्णुता के लिए सहिष्णु हैं – प्रो. सेन

नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफ्रेसर अमर्त्य सेन ने अपने नाम ‘अमर्त्य’ से अपनी बात शुरू करते हुए बताया कि कैसे गुरुदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर ने उनका नाम रखा और अपने चाचा जोतिर्मय सेन के अंग्रेजों की गुलामी के प्रति संघर्ष जारी रखा ताकि देश आजाद हो सके। लेकिन क्या वाकई देश वैसा ‘आजाद’ हुआ है। यह बात उन्होंने एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के राजेन्द्र माथुर स्मृति व्याख्यानमाला में कहे। उन्होंने इंडियन पीनल कोड से बात शुरू करते हुए अभिव्यक्ति की आजादी के संदर्भ में बहुत सी बाते रखीं।
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