टी.वी. समाचार चैनलों की खबरें देखने पर आपको आशंका होती होगी कि दक्षिण चीन सागर पर लड़ाकू विमान उड़ने या मिसाइलयुक्त पनडुब्बियां घूमने अथवा हिमालय की पर्वत शृंखलाओं से लगी भारत-चीन सीमाओं पर बढ़ती सैन्य गतिविधियों से कहीं युद्ध का खतरा तो नहीं मंडरा रहा है। यदा-कदा किसी नेता, सैन्य अधिकारी या प्रवक्ता की कड़ी चेतावनी चीन, अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण कोरिया, सऊदी अरब, ईरान, दक्षिण अफ्रीका में भी सुनी जा सकती है। महाशक्तियों को अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए कई बार कड़ा रुख दिखाना पड़ता है। भारत अब उन्हीं शक्तिशाली देशों के साथ उठने-बैठने लगा है।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने सोमवार को कहा कि भारत जी-20 की बैठक में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर श्रमिकों खासकर पेशेवर कर्मचारियों की आवाजाही के मुद्दे के अलावा जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को प्रमुखता से उठाएगा।