राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक बार फिर से अलगाववादी और हुर्रियत नेताओं पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। एनआईए ने हुर्रियत नेताओं को हिरासत में लेने के बाद एक बार फिर से उन्हें पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाया है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी आज अपना 47वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें ट्वीट कर अपने बधाई संदेश में राहुल के दीर्घायु की कामना की है। राहुल गांधी इन दिनों विदेश में अपनी नानी और अन्य संबंधियों के साथ छुट्टियां मना रहे हैं।
आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव आज एक बार फिर दलितों के घर खाना खाने को लेकर भाजपा नेताओं पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि भाजापा नेता दलित के घर जाकर तो खाना खा रहे हैं, लेकिन उनके साथ नहीं खा रहे हैं।
मध्य प्रदेश के मंदसौर में किसानों पर हुई फायरिंग और किसान नेताओं की गिरफ्तारी को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने केन्द्र सरकार को चेतावनी दी है। भारतीय किसान यूनियन का कहना है कि मध्य प्रदेश के किसानों से वार्ता कर उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए और सभी किसान नेताओं की रिहाई हो। ऐसा न होने पर यूनियन ने उत्तर भारत के राज्यों में अनिश्चितकालीन चक्काजाम की बात कही है।
देशभर में कई जगहों पर NIA की छापेमारी के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हुर्रियत के कई अलगाववादी नेताओं को नजरबंद कर दिया है। गौरतलब है कि छापों के बाद कई अलगाववादियों के पाकिस्तान से फंड लेने के बात सामने आ रही है। इनके बाद पुलिस ने हुर्रियत के कई नेताओं को उनके घर पर ही नजरबंद कर दिया है।
एनडीटीवी के प्रमोटर प्रणय रॉय पर हुई सीबीआई की कार्रवाई को लेकर कुछ नेताओं के बयान आए हैं। वहीं कुछ नेताओं ने चुप्पी साध ली है। जहां मीडिया जगत में इस कार्रवाई को दुर्भावनापूर्ण हमला माना जा रहा है, वहीं राजनीतिक हलकों में भी कुछ नेता प्रणय रॉय और एनडीटीवी के समर्थन में उतर आए हैं। लेकिन कई बड़े नेता जो अक्सर अलग-अलग मसलों पर ट्वीट करते रहते हैं उनका यहां मौन रहना समझ से परे है।
उत्तर प्रदेश में एक बार फिर भाजपा नेताओं की गुंडागर्दी सामने आई है। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर का है। यहां पुलिस स्टेशन में बंद आरोपी को भाजपा नेताओं द्वारा जबरदस्ती छुड़ाकर ले जाया गया।
कोलकाता पुलिस ने विरोध प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किए गए भाजपा नेताओं को आज अदालत के सामने पेश किया है। भाजपा नेताओं ने अपने पार्टी के लोगों पर हो रहे हमले और बिगड़ती कानून व्यवस्था के विरोध में गुरुवार को यह प्रदर्शन किया था, जिसने बाद में हिंसक रुप धारण कर लिया।
जब वैश्विक राजनीति में दक्षिणपंथी उभार का वक्त माना जा रहा हो ऐसे समय में फ्रांस के राष्ट्रपति के तौर पर इमैनुएल मैक्रों का चुना जाना लोगों को हतप्रभ कर रहा है। इससे भी ज्यादा हैरान करने वाली बात एक ‘नौसिखिया युवा’ होकर खांटी नेताओं को पटखनी देना है। वे 39 साल की उम्र में फ्रांस की मुख्यधारा की वामपंथी और दक्षिणपंथी पार्टियों को हराकर सबसे युवा राष्ट्रपति बने हैं।