भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एक ओर जहां रेपो रेट में कोई बदलाव न करके 6.25 फीसदी पर बरकरार रखा है, वहीं रिवर्स रेपो रेट को 5.75 फीसदी से बढ़ाकर 6 फीसदी कर दिया है। आरबीआई ने सीआरआर में भी कोई बदलाव न करके 4 फीसदी पर ही स्थिर रखा है।
देश के सेवा क्षेत्र में मार्च में लगातार दूसरे महीने वृद्धि दर्ज की गई। अर्थव्यवस्था में गतिविधियां बढ़ने और नये आर्डर मिलने के साथ साथ मुद्रास्फीति दबाव कम रहने से यह वृद्धि दर्ज की गई। एक मासिक सर्वेक्षण में यह परिणाम जारी किया गया है। इससे पहले पीएमआई के विनिर्माण क्षेत्र के सूचकांक में भी अच्छी वृद्धि दर्ज की गई।
नोटबंदी का प्रभाव अब कमजोर पड़ रहा है और वृद्धि के नोटबंदी से पूर्व की अवस्था में आने की संभावना है लेकिन अर्थव्यवस्था की साफ तस्वीर जून के अंत तक ही उपलब्ध होगी। स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ग्लोबल रेटिंग्स ने शुक्रवार को यह बात कही।
अमेरिका के फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना के बीच सोने में गिरावट जारी रही। दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना 250 रुपये टूटकर करीब दो महीने के निचले स्तर 28,650 रुपये प्रति दस ग्राम पर आ गया।
वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने मंगलवार को कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में 7.1 प्रतिशत की दर से वृद्धि करेगी जबकि अगले दो वित्त वर्ष में यह बढ़कर 7.7 प्रतिशत तक रहेगी।
रिजर्व बैंक ने मुद्रस्फीति का जोखिम बढ़ने का खतरा देखते हुए लगातार दूसरी बार द्वैमासिक समीक्षा में अपनी मुख्य नीतिगत ब्याज दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 6.25 प्रतिशत पर यथावत रखा।
कंपनी कर की दर को घटाकर 25 प्रतिशत करने की घोषणा के दो साल बाद सरकार ने आज कहा कि इस तरह की कोई भी कटौती तभी हो सकती है जब व्यक्तिगत आयकर में अच्छी वृद्धि दर्ज होने लगेगी और ज्यादा से ज्यादा लोग आयकर देने लगेंगे।
नोटबंदी से बने गतिरोध की वजह से भारत की सकल घरेलू उत्पाद :जीडीपी: वृद्धि अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में करीब 6 प्रतिशत रह सकती है जबकि जनवरी-मार्च तिमाही में यह और धीमी पड़कर 5.7 प्रतिशत रह सकती है। नोमुरा की रिपोर्ट में यह अनुमान व्यक्त किया गया है।
देश की दूसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस का एकीकृत शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में सात प्रतिशत बढ़कर 3,708 करोड़ रुपये रहा।