उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा कि एक खुले समाज के लिए स्वतंत्र मीडिया जरूरी है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र प्रेस पर कोई भी हमला नागरिकों के अधिकारों खतरे में डाल सकता है।
उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने केंद्र की मोदी सरकार को सांकेतिक भाषा में नसीहत दी है। पंजाब यूनिवर्सिटी के 66 वें दीक्षांत समारोह में उपराष्ट्रपति बतौर मुख्य अतिथि छात्रों को सम्बोधित कर रहे थे। अपने सम्बोधन में उन्होंने विश्वविद्यालयों के बिगड़ते माहौल पर चिंता जताई।
उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने मंगलवार को कहा कि देश में कल्याण संबंधी कानून बनाए जाने और कदम उठाए जाने के 70 साल बाद भी सामाजिक न्याय प्रदान करने की जमीनी हकीकत निराशाजनक है। उन्होंने कहा, सामाजिक न्याय के मामले में हम कहां खड़े हैं ? सामाजिक न्याय प्रदान करने के लिए कल्याण संबंधी कानून बनाए जाने और कदम उठाए जाने के 70 साल बाद भी यह एक सवाल है जो गणराज्य के लोग राज्य से पूछ सकते हैं।
नोटबंदी के मुद्दे पर संसद में बृहस्पतिवार को भी गतिरोध कायम रहा तथा विपक्ष के हंगामे के बीच इस पर चर्चा को आगे नहीं बढ़ाया जा सका। हालांकि हंगामे के बीच लोकसभा में आम बजट से जुड़ी अनुदान की अनुपूरक मांगों को पारित कर दिया गया।
उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी नाईजीरिया और माली के पांच दिवसीय दौरे पर जाएंगे। यह दौरा कल से शुरू होगा। इसका उद्देश्य पश्चिमी अफ्रीका के इन दो देशों के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है।
भारत के उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन में भाग लेकर लौटते हुए आज कहा कि उरी में हुआ हमला पूरी तरह अस्वीकार्य है और इस तरह की हरकतों का नतीजा आखिरकार अत्यंत असुखद निकलेगा। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि आतंकवाद को कोई भी सहन नहीं कर सकता।
उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने 17वें गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए वेनेजुएला पहुंच गए हैं। अंसारी विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर वहां के राष्ट्रपति निकोलस मदुरो से मुलाकात कर विस्तृत बातचीत की।
गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गैरमौजूदगी को तवज्जो नहीं देते हुए उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा है कि भारत की विदेश नीति में कोई बदलाव नहीं आया है। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्रियों का सम्मेलन नहीं है और जो बात मायने रखती है, वह यह है कि भागीदारी की जाए।
उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने संसद सत्र की अवधि कम होने पर चिंता जताई और कार्यवाही अक्सर बाधित किए जाने की आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह किसी समूह या व्यक्ति विशेष के हित के लिए सदन को बंधक रखने के समान है।