लॉ कमीशन ने शादियों के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य बनाने की सिफारिश की है। साथ ही सरकार से मैरिज रजिस्ट्रेशन को आधार से लिंक करने पर भी विचार करने की बात कही है।
'आवारा भीड़ के खतरे' नामक शीर्षक के अपने निबंध में हिन्दी साहित्य जगत के मूर्धन्य निबंधकार हरिशंकर परसाई जी लिखते हैं, "दिशाहीन, बेकार, हताश, नकार वादी और विध्वंस वादी युवकों की यह भीड़ खतरनाक होती। इसका उपयोग खतरनाक विचारधारा वाले व्यक्ति या समूह कर सकते हैं। इसी भीड़ का उपयोग नेपोलियन, हिटलर और मुसोलिनी जैसे लोगों ने किया था।"
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि किसी पुरुष और महिला के बीच शारीरिक संबंध या वन नाइट स्टैंड हिंदू कानूनों के तहत विवाह की परिभाषा में नहीं आता। हाईकोर्ट ने कहा कि अगर उन दोनों ने शादी नहीं की है, तो ऐसे संबंधों से जन्में बच्चे को पिता की संपत्ति में कोई अधिकार नहीं होगा।
सीपीएम दफ्तर में हिन्दू सेना के दो लोगों ने पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी पर हमला कर दिया। हमले के के बाद दोनों युवकों की सीपीएम कार्यकर्ताओं ने जमकर पिटाई की और पुलिस को सौंप दिया। इन लोगों का कहना है सीपीएम नेता प्रकास करात ने भारतीय सेना पर जो आर्टिकल लिखा है उसके विरोध में उन्होंने यह हमला किया है।
पाकिस्तान में एक सैनिक की शहादत ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। दरअसल पाकिस्तान की सुरक्षा करते हुए शहीद हुआ सैनिक एक हिंदू था। सोशल मीडिया पर इस शहादत की कहानी वायरल हो रही है।
आईआईटी मद्रास में बीफ फेस्ट का आयोजन करने वाले छात्रों पर हिन्दुवादी संगठन के लोगों ने हमला कर दिया। हमले के दौरान पीएचडी स्कॉलर सूरज आर की आंख में गंभीर चोट आई है। आईआईटी में करीब 80 छात्रों ने केंद्र के पशु बिक्री बैन के विरोध में रविवार को यह फेस्ट आयोजित किया था।
हिंसा की आग में पिछले कई दिनों से सुलग रहे सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में शुक्रवार को पहली बार खुशी का महौल देखने को मिला। इस खुशी का कारण कुछ और नहीं बल्कि एक दलित परिवार में दो बहनों की शादी को लेकर था। शादी की वजह से गांव में कई दिनों के बाद खुशी का माहौल दिखा।
उत्तर प्रदेश के लखनऊ में एक ऐसा अजीबो गरीब वाकया हुआ, जो शादी टूटने का कारण बन गया। शादी टूटने का कारण दहेज या कोई अफेयर नहीं बल्कि एक रसगुल्ला बन गया। यूं कहे तो इस शादी में सिर्फ एक रसगुल्ला सबसे बड़ा विवाद बन गया।
भारत और रोमानिया के बीच बेहद करीबी और मजबूत संबंध हैं। इस बात का अंदाजा रोमानिया के स्कूलों में 11वीं कक्षा के बच्चों को रामायण और महाभारत के अंश पढ़ाए जाने से भी लगाया जा सकता है।