देश की राजनीति में खलबली मचाने वाले अाईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी अब विकीलीक्स की तर्ज एक मुहिम शुरू करना चाहते हैं। उन्होंने जल्द ही एक इंटरनेशनल एनजीओ शुरू करने का ऐलान किया है, जिसके लिए भर्तियां शुरू हो गई हैं।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने एक दिवसीय मैचों से बैटिंग पावरप्ले भले ही हटा दिया हो, ललित मोदी कांड के बाद लगातार रहस्योद्घाटनों से लगता है कि भारतीय क्रिकेट में पावर प्ले और मनी प्ले यानी राजनीति और धन के गठजोड़ का वर्चस्व अपूर्व है। इसमें अपनी करतूतों के कारण विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की जनमत में धुनाई के बाद अब वित्त मंत्री की बारी है।
ललितगेट की आंच अब आईपीएल की सट्टेबाजी तक पहुंच गई है। सोशल मीडिया पर आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी का लिखा एक ईमेल सामने आया है, जिसमें उन्होंने रवींद्र जडेजा, ड्वेन ब्रावो और सुरेश रैना पर एक बड़े सट्टेबाज से करीबी संबंध रखने और सट्टेबाजी में शामिल होने के गंभीर आरोप लगाए हैं।
ऐसा लगता है कि पूर्व आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच कुछ खास समझ बन रही है। तभी तो लगातार भाजपा नेताओं के लिए परेशानी का कारण बने ललित मोदी प्रधानमंत्री मोदी की शान में कसीदे पढ़ रह हैं।
बाल विवाह के खिलाफ कानून चाहे कठोर बन गया हो लेकिन उसे कठोरता से लागू नहीं किया जा रहा है। यही वजह है कि देश में बाल विवाह रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं।
ठंडी हवाएं, हवा में फड़फड़ाते झंडे, पहाड़ों का सौंदर्य और किताबें। एक खूबसूरत जगह पर किताबों या साहित्य के बारे में चर्चा करना कितना सुखद हो सकता है इसके लिए 19 अगस्त से 22 अगस्त के बीच माइउंटेन ईको लिटरेरी फेस्टिवल का हिस्सा बन कर ही इसका अहसास किया जा सकता है।
राजस्थान में महिलाओं को डायन बताकर प्रताड़ित करने की घटनाओं को रोकने के लिए कानून तो बन गया। लेकिन यह कानून अब तक जमीन पर नहीं उतरा है। पुलिस इस कानून से बेखबर है और औरत पर सितम ढाने वाले बेखौफ।
राजस्थान के जयपुर औऱ जोधपुर के छह जिलों में पंचायतों के साथ मिल कर चलाए जा रहे सीफार संस्था के प्रयासों से कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ अभियान का दिख रहा असर
भाजपा के शीर्ष नेताओं वसुंधरा राजे और सुषमा स्वराज से जुड़ा ललितगेट विवाद गहराता जा रहा है। ताजा घटनाक्रम में पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम भी कूद गए हैं। चिदंबरम ने ललित मोदी मामले में संप्रग सरकार के दौरान ब्रिटेन के अधिकारियों को लिखे गए सभी पत्रों को सार्वजनिक करने की मांग की जिसमें बारे में उनका कहना है कि इससे कांग्रेस और उनके खिलाफ सभी आरोपों का जवाब मिल जाएगा।