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रितु रानी की अगुवाई में ‘चक दे इंडिया’

रितु रानी की अगुवाई में ‘चक दे इंडिया’

रितु रानी बेल्जियम के एंटवर्प में 20 जून से चार जुलाई के बीच होने वाले एफआईएच हाॅकी विश्व लीग सेमीफाइनल राउंड में भारत की 18 सदस्यीय महिला टीम की अगुवाई करेंगी। हाॅकी इंडिया ने आज इस महत्वपूर्ण टूर्नामेंट के लिए टीम की घोषणा कर दी। दीपिका को उप कप्तान बनाया गया है।
दोहा मुक्केबाजी टूर्नामेंट में भारत के सात पदक पक्के

दोहा मुक्केबाजी टूर्नामेंट में भारत के सात पदक पक्के

राष्ट्रमंडल खेलों के रजत पदक विजेता एल देवेंद्रो सिंह (49 किलो) दोहा अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंच गए जबकि छह अन्य ने सेमीफाइनल में जगह बना ली।
मंगोलिया में मोदी कूटनीति की घुड़-परीक्षा

मंगोलिया में मोदी कूटनीति की घुड़-परीक्षा

क्या बिना मीट परोसे आप किसी को सिर्फ मीट मसाला खिला सकते हैं? कूटनीतिक और राजनयिक समाचार कथाओं के संदर्भ में भारतीय मीडिया अक्सर यही करता है। वह मसाला चखाने के चक्कर में मीट परोसना भूल जाता है। विदेश नीति और राजनय से संबंधित घटनाक्रम अक्सर आम जनजीवन से इतने दूर और ओट में होते हैं कि आम दर्शक अमूमन मसाले को ही मीट समझने की भूल कर बैठता है। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा की राजनयिक कथा में मंगोलिया दौरे की उपकथा की अहमियत भारतीय मीडिया की नजरों से ओझल रही और यह अहम उपकथा आम भारतीय दर्शक या पाठक की प्लेट में परोसी ही नहीं गई।
मुंबई इंडियंस ने आईपीएल के मैच में राजस्थान रायल्स को आठ रन से हराया

मुंबई इंडियंस ने आईपीएल के मैच में राजस्थान रायल्स को आठ रन से हराया

अंबाती रायुडू के नाबाद अर्धशतक के बाद मिशेल मैक्लीनागन की उम्दा गेंदबाजी की बदौलत मुंबई इंडियंस ने आईपीएल के मैच में राजस्थान रायल्स को आठ रन से हरा दिया।
क्या अन्य खेलों से कम हुई है क्रिकेट की लोकप्रियता?

क्या अन्य खेलों से कम हुई है क्रिकेट की लोकप्रियता?

अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय विश्व कप क्रिकेट की तरह आईपीएल की घटती लोकप्रियता ने खेलप्रेमियों का धर्म बदलने पर मजबूर कर दिया है। सबसे ज्यादा समय और धन की खपत के कारण लोग क्रिकेट से विमुख होकर फुटबॉल, हॉकी और कबड्डी जैसे परंपरागत खेलों के अलावा टेनिस और बैडमिंटन की ओर दिलचस्पी बढ़ाने लगे हैं।
निर्यात हिंदुत्व और जाति का

निर्यात हिंदुत्व और जाति का

जातिगत उत्पीडऩ और भेदभाव के खिलाफ मुखर होता दलित डायस्पोरा इससे चिंतित।भारतीय डायस्पोरा का यह दलित स्वर या दलित डायस्पोरा दुनिया के तमाम बड़े देशों में धीरे-धीरे मजबूत होता दिख रहा है। गैर दलित डायस्पोरा ने तो बड़ी तादाद में (सबने नहीं) अपनी राजनीति स्पष्ट कर दी है, अपना झुकाव स्पष्ट कर दिया है, दलित डायस्पोरा अभी उसके साथ खड़ा नहीं दिख रहा। भारत की नई सरकार से उसे भी अपेक्षाएं हैं। वह भी बेहतर सुविधाओं और व्यापार की संभावनाओं के प्रति आशावान है लेकिन जाति तथा जातिगत उत्पीडऩ के सवाल पर फिलहाल कोई समझौता करता नहीं दिखता।
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