समाचार एजेंसी पीटीआई की खबर के मुताबिक चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र 'ग्लोबल टाइम्स' ने कहा कि चीनी कंपनियों को आने वाले दिनों में किसी भी खतरे से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए।
सउदी अरब, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन जैसे गल्फ देशों ने इसी साल कतर के साथ अपने संबंध समाप्त कर लिए। इन देशों का आरोप है कि कतर इस्लामिक स्टेट और अल-कायदा जैसे संगठनों का समर्थन करता है।
ईरानी में राष्ट्रपति हसन रूहानी के नये कार्यकाल के शुरू होते ही उनकी आलोचनाओं का दौर भी शुरू हो गया है। उनके ऊपर रूढ़िवादियों को परेशान करने के आरोप लग रहे हैं। 68 वर्षीय धार्मिक नेता रूहानी को उदारवादी माना जाता है।
भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने केंद्र की मोदी सरकार पर एक बार फिर से निशाना साधा है। शिवसेना ने कहा कि चीन को उकसाने से पहले देश को अपनी रक्षा तैयारियों को ध्यान में रखना चाहिए।
चीन और पाकिस्तान सीमा पर चल रहे तनाव के बीच चिंता बढ़ाने वाली खबर आई है। कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के पास लंबे समय तक युद्ध के लिए पर्याप्त गोला-बारूद नहीं है। कैग ने सेना के पास गोला-बारूद की कमी होने की रिपोर्ट संसद में प्रस्तुत की है।