Advertisement

Search Result : "Journalist Prashant Kanojia"

जगेन्द्र सवाल उठाता था, सत्ता ने मार दिया

जगेन्द्र सवाल उठाता था, सत्ता ने मार दिया

शाहजहांपुर के पत्रकार जगेन्द्र सिंह ने अपने मृत्‍युपूर्व बयान में खनन माफिया, स्मैक तस्करी और बलात्कार व हत्या आरोपी उत्तर प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्यमंत्री राममूर्ति सिंह वर्मा के इशारे पर पुलिस द्वारा उन्‍हें जिंदा जलाने की बात कही थी। इस घटना ने पूरे देश को सकते में डाल दिया है। लेकिन मामले में नामजद होने के बावजूद अभी तक मंत्री राममूर्ति सिंह वर्मा को गिरफ्तार नहीं किया गया है। आखिरकार जगेन्‍द्र की मौत के जिम्‍मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए उनके पूरे परिवार को अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठने को मजबूर होना पड़ा। परिवार के सदस्यों का आरोप है कि राज्यमंत्री राममूर्ति वर्मा उन पर मुकदमा वापस लेने का दबाव डलवा रहे हैं।
नैतिकता का मुद्दा उठाने वाले पत्रकार पर सुषमा का पलटवार

नैतिकता का मुद्दा उठाने वाले पत्रकार पर सुषमा का पलटवार

आईपीएल के पूर्व प्रमुख एवं फरार चल रहे ललित मोदी के ब्रिटेन में यात्रा दस्तावेज हासिल करने में मदद के लिए आलोचनाओं का सामना कर रही विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उस टीवी पत्रकार पर पलटवार किया जिन्होंने इस मामले में नैतिकता का मुद्दा उठाया था।
यूपी में एक और पत्रकार पर जानलेवा हमला

यूपी में एक और पत्रकार पर जानलेवा हमला

यूपी में एक और पत्रकार पर जनलेवा हमले का मामला सामने आया है। पीलीभीत के एक पत्रकार ने आरोप लगाया है कि उसे कुछ लोगों ने रिवाल्‍वर की बट से पीटा और बाइक से बांधकर घसीटते रहे।
सुप्रीम कोर्ट और सरकार बड़े टकराव की ओर

सुप्रीम कोर्ट और सरकार बड़े टकराव की ओर

बीते हफ्ते सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यीय खंड पीठ के सामने जिस तरह सरकार और पीठ के बीच तीखे शब्दों का आदान-प्रदान हुआ, उसे देखते हुए अब तक फुसफुसाए जा रहे कुछ सवाल थोड़ा ज्यादा जोर से सुनाई पडऩे लग गए हैं। क्या कार्यपालिका और न्यायपालिका एक बड़े टकराव की ओर बढ़ रही हैं? क्या संसद ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) विधेयक पारित करने में हड़बड़ी दिखाई ?
‘आप’ ने योगेंद्र यादव को नहीं दी निष्कासन की सूचना

‘आप’ ने योगेंद्र यादव को नहीं दी निष्कासन की सूचना

आम आदमी पार्टी से निष्कासित नेता योगेंद्र यादव ने बुधवार को कहा कि उन्हें पार्टी से निकाले जाने के संबंध में कोई आधिकारिक संदेश नहीं मिला है और वह अब भी खुद को आंदोलन का हिस्सा मानते हैं।