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मोदी सरकार की एलईडी योजना में 20 हजार करोड़ के घोटाले का आरोप

मोदी सरकार की एलईडी योजना में 20 हजार करोड़ के घोटाले का आरोप

कांग्रेस ने बिजली मंत्रालय के तहत संयुक्त उद्यम ईईएसएल द्वारा एलईडी बल्ब लगाने के मामले में 20 हजार करोड़ रूपये का घोटाला होने का आरोप लगाते हुए इस पूरे मामले की उच्चतम न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश से जांच कराये जाने की मांग की है।
उप्र जीत पर मोदी के मंत्री बोले, ‘आहा मोदी’

उप्र जीत पर मोदी के मंत्री बोले, ‘आहा मोदी’

उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा के बहुमत की ओर बढ़ने से उत्साहित केंद्रीय मंत्रियों ने कहा कि यह भारत की राजनीति में सकारात्मक बदलाव के संकेत हैं और पूरा देश विकास के लिए जाति, धर्म और पंथ के बंधन को तोड़कर मोदीजी की अगुवाई में आगे बढ़ने को तत्पर है।
निवेशक झारखंड में निवेश करें, हम हर सुविधा देंगे : रघुवर दास

निवेशक झारखंड में निवेश करें, हम हर सुविधा देंगे : रघुवर दास

झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य में निवेशकों को निवेश के लिए तहे दिल से आमंत्रित किया है। उन्‍होंने कहा कि निवेशकों के लिए वह सारी सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे। औद्योगिक विकास के लिए विधि-व्यवस्था और औद्योगिक शान्ति सहित अन्य मापदंडों पर भी सरकार पूरी तैयारी के साथ उनका साथ देगी।
‘ऊंची जाति के जज दलित जज से पाना चाहते हैं छुटकारा’

‘ऊंची जाति के जज दलित जज से पाना चाहते हैं छुटकारा’

सुप्रीम कोर्ट द्वारा अदालत की अवमानना का नोटिस मिलने के बाद कोलकाता हाईकोर्ट के जस्टिस सीएस कर्णन ने सर्वोच्च न्यायालय के किसी सिटिंग जज को नोटिस थमाने के अधिकार पर ही सवाल खड़ा कर दिया है। साथ ही उन्होंने एक बार फिर आरोप लगाया है कि ऊंची जाति के जज, एक दलित जज से छुटकारा पाने के लिए अपने अधिकारों का नाजायज़ इस्तेमाल कर रहे हैं।
कार्यवाही की पक्षपातपूर्ण रिकॉर्डिंग बहुत बड़ा अन्याय है: उच्च न्यायालय

कार्यवाही की पक्षपातपूर्ण रिकॉर्डिंग बहुत बड़ा अन्याय है: उच्च न्यायालय

दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि अदालती कार्यवाही की रिकॉर्डिंग ईमानदारी और निष्पक्षता से नहीं करने वाला न्यायाधीश वादियों के साथ बहुत बड़ा अन्याय करता है। न्यायालय ने यह टिप्पणी भ्रष्टाचार के एक मामले को एक निचली अदालत से दूसरी में स्थानांतरित करते हुए यह टिप्पणी की।
जस्टिस ठाकुर ने हाई कोर्ट के जजों के तबादलों पर मोदी सरकार से मांगा जवाब

जस्टिस ठाकुर ने हाई कोर्ट के जजों के तबादलों पर मोदी सरकार से मांगा जवाब

उच्चतम न्यायालय ने सोमवार काे केन्द्र सरकार से सवाल किया कि कोलेजियम की सिफारिशों के बावजूद वह उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों और न्यायाधीशों का तबादला क्यों नहीं कर रही है। न्यायालय ने लंबित तबादलों के बारे में विस्तार से दो सप्ताह के भीतर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश भी केन्द्र को दिया है।
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को जयललिता की मौत की परिस्थितियों पर सन्देह

उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को जयललिता की मौत की परिस्थितियों पर सन्देह

पूर्व मुख्यमंत्राी जयललिता की मृत्यु की परिस्थितियों पर सन्देह व्यक्त करते हुए मद्रास उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश ने संकेत दिया है कि वह शव को समाधि से निकालने का आदेश दे सकते हैं। उन्होंने उस याचिका की सुनवाई के दौरान यह संकेत दिया जिसमें इस मामले की जांच किसी जांच आयोग या तथ्य अन्वेषण समिति से करवाने का अनुरोध किया गया है। दो सदस्यीय अवकाश पीठ का नेतृत्व कर रहे न्यायमूर्ति एस वैद्यनाथन ने कहा कि जनता को पता होना चाहिए कि क्या हुआ।
आईओए का मामला, भाजपा के सांसद ने खेल मंत्री पर ही उठाए सवाल

आईओए का मामला, भाजपा के सांसद ने खेल मंत्री पर ही उठाए सवाल

सुरेश कलमाड़ी को आईओए में अध्‍यक्ष बनाए जाने पर खेलमंत्री एवं भाजपा नेता विजय गोयल की आपत्ति पर भाजपा के ही सांसद बृज भूषण सिंह ने ही सवाल उठा दिए हैं। सिंह ने आईएओ के फैसले का समर्थन किया है। वहीं कांग्रेस नेता अजय माकन ने गोयल का समर्थन करते हुए इस फैसले को खिलाड़ियों के भविष्य पर खतरा करार दिया।
कलमाड़ी का पद लेने से इनकार, मंत्रालय ने आईओए को कारण बताओ नोटिस भेजा

कलमाड़ी का पद लेने से इनकार, मंत्रालय ने आईओए को कारण बताओ नोटिस भेजा

आलोचनाओं से घिरे दागी खेल प्रशासक सुरेश कलमाड़ी ने बुधवार को भारतीय ओलंपिक संघ के आजीवन अध्यक्ष का पद ठुकरा दिया जबकि खेल मंत्रालय ने आईओए को उसके विवादित फैसले पर कारण बताओ नोटिस जारी किया।
सामाजिक न्याय प्रदान करने की जमीनी हकीकत निराशाजनक : अंसारी

सामाजिक न्याय प्रदान करने की जमीनी हकीकत निराशाजनक : अंसारी

उपराष्‍ट्रपति हामिद अंसारी ने मंगलवार को कहा कि देश में कल्याण संबंधी कानून बनाए जाने और कदम उठाए जाने के 70 साल बाद भी सामाजिक न्याय प्रदान करने की जमीनी हकीकत निराशाजनक है। उन्होंने कहा, सामाजिक न्याय के मामले में हम कहां खड़े हैं ? सामाजिक न्याय प्रदान करने के लिए कल्याण संबंधी कानून बनाए जाने और कदम उठाए जाने के 70 साल बाद भी यह एक सवाल है जो गणराज्य के लोग राज्य से पूछ सकते हैं।
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