सूचना एवं प्रसारण मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि समुचित वित्तीय मॉडल का अभाव कई मीडिया संगठनों के लिए एक वास्तविक चुनौती बनी हुई है। यह स्थिति न सिर्फ समाचार की विषय वस्तु को प्रभावित करती है बलिक पेड न्यूज जैसी समस्या का भी मार्ग प्रशस्त करती है।
ग्रीनपीस इंडिया की कार्यकर्ता प्रिया पिल्लई के पासपोर्ट से आधिकारिक तौर पर ऑफलोड मुहर को हटा ली गई है। इसके साथ ही खुफिया ब्यूरो द्वारा जारी विवादास्पद ‘लूक आउट सर्कुलर’की कार्रवाई के बाद पिछले चार महीनों से जारी घटनाक्रम पर विराम लग गया है।
बीते हफ्ते सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यीय खंड पीठ के सामने जिस तरह सरकार और पीठ के बीच तीखे शब्दों का आदान-प्रदान हुआ, उसे देखते हुए अब तक फुसफुसाए जा रहे कुछ सवाल थोड़ा ज्यादा जोर से सुनाई पडऩे लग गए हैं। क्या कार्यपालिका और न्यायपालिका एक बड़े टकराव की ओर बढ़ रही हैं? क्या संसद ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) विधेयक पारित करने में हड़बड़ी दिखाई ?
अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एशियन अमेरिकंस एंड पैसिफिक आइलैंडर्स (एएपीआईज) के अपने सलाहकार आयोग में आईआईटी की एक पूर्व छात्रा को नामित किया है।
केरल के मौजूदा राज्यपाल पी. सदाशिवम को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष बनाए जाने की सुगबुगाहट जैसे ही तेज हुई, वैसे ही मानवाधिकार संगठनों ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संभवतः यह पहला मौका है जब किसी राज्यपाल को इस पद के लिए चुना जा रहा है।
आम आदमी पार्टी ने मंगवार को कहा कि वह कुमार विश्वास को लेकर पैदा हुए विवाद पर दिल्ली महिला आयोग से नोटिस मिलने के बाद अगले कदम के बारे में फैसला करेगी। पार्टी की एक कार्यकर्ता ने विश्वास पर आरोप लगाया है कि वह उसके साथ नाजायज संबंधों के बारे में उठी अफवाहों का खंडन नहीं कर रहे हैं।
केंद्र सरकार को झटका देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्रीय सूचना आयोग के वरिष्ठतम सूचना आयुक्त से कहा है कि वह अपने मुखिया की अनुपस्थिति में मामले पर सुनवाई करें। अदालत ने कहा कि किसी भी तरह का बैकलॉग आरटीआई आवेदकों के हितों को खतरे में डालेगा।
उच्चतम न्यायालय ने अधिवक्ता एम.एल. शर्मा को उच्च न्यायपालिका के लिए जजों की नियुक्ति संबंधी नए कानून को चुनौती देती उनकी जनहित याचिका में गैर जिम्मेदार और अपमानजनक आरोप लगाने पर नोटिस जारी करते हुए कहा कि यह राजनीतिक मंच नहीं है।
भारत सरकार का कहना है कि पत्नी से बलात्कार की अवधारणा भारत में लागू नहीं हो सकती। क्योंकि यहां विवाह को संस्कार माना जाता है। इस तर्क के आधार पर सरकार ने वैवाहिक संबंधों में होने वाले बलात्कार को कानूनन अपराध बनाने से इंकार कर दिया है।