उत्तरी दिल्ली के नया बाजार इलाके में हुई विस्फोट की घटना में पुलिस ने किसी आतंकी पहलू की आशंका से इनकार किया है। सोमवार को पटाखों में हुए धमाके में एक व्यक्ति की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए।
यूपी में रविवार काे सपा का राजनैतिक संकट और गहरा गया। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल यादव समेत चार मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया वहीं कार्यकर्ताओं को अखिलेश के समर्थन में पत्र लिखने वाले पार्टी महासचिव ऱामगोपाल यादव को भी दोपहर बाद पार्टी से निकाल दिया गया।
दिल्ली के उपहार सिनेमा हादसे के 59 पीड़ितों में से दो के माता-पिता ने इस सदमे तथा न्याय के लिए अपनी लंबी लड़ाई पर एक किताब लिखी है। ट्रायल बाय फायर का प्रकाशन पेंगुइन रेंडम हाउस इंडिया ने किया है।
18 साल पहले कांग्रेस महासचिव व मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को मिस्टर बंटाधार कहते हुए भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले प्रदेश के दो भाजपा नेताओं ने इस पूरे मसले पर अब यू टर्न ले लिया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता व सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा और पूर्व केंद्रीय मंत्री विक्रम वर्मा ने अदालत को लिखकर दिया है कि दिग्विजय सिंह ने भ्रष्टाचार नहीं किया। वे ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ हैं। अदालत में इस स्वीकारोक्ति के बाद दिग्विजय ने दोनों नेताओं के खिलाफ मानहानि का केस वापस ले लिया है।
देश में क्रिकेट के सुधार के लिए न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा समिति के निर्देशों को लागू करने में बागी तेवर अपनाने और राज्य संगठनों को जल्दबाजी में करीब 400 करोड़ रूपये बांटने को लेकर भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) को आज उच्चतम न्यायालय की नाराजगी का सामना करना पड़ा।
राज्य संघों को मोटी रकम आवंटित करने समेत कई अहम मसलों पर बीसीसीआई द्वारा लोगों को गुमराह करने पर कड़ा एतराज जताते हुए उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त न्यायमूर्ति आर एम लोढा समिति ने आज कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनके निर्देशों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया।
क्रिकेट बोर्ड में सुधार के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त जस्टिस लोढ़ा समिति ने बीसीसीआई के खिलाफ कड़ा रुख अपना लिया है। समिति ने बीसीसीआई का खाता रखने वाले बैंकों को आज एक निर्देश जारी कर कहा है कि वे भारतीय क्रिकेट बोर्ड द्वारा 30 सितंबर के विशेष आम बैठक में लिए गए वित्तीय फैसलों के संबंध में किसी भी राशि का भुगतान नहीं करे।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टी एस ठाकुर ने कानून मंत्रालय से ऐसे कामकाज से राहत देने के लिए आग्रह किया है, जिससे परहेज किया जा सकता हो। सीजेआई ने कानून मंत्रालय से इसके लिए तंत्र तैयार करने की गुजारिश भी की है। ठाकुर ने कहा कि सरकार के विभागों द्वारा निर्णय लेने में उदासीनता और अक्षमता दिखाने की वजह से ‘अनावश्यक बोझ’ पैदा होता है।
न्यायमूर्ति आरएम लोढा पैनल की सिफारिशों का पालन नहीं करने पर उच्चतम न्यायालय द्वारा फटकार लगाये जाने के बाद विवादों में घिरे बीसीसीआई के पास कल मुंबई में होने वाली विशेष आम बैठक (एसजीएम) में इन सुधारों को पूरी तरह से अपनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।