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मद्रास के मोजार्ट को हृदयनाथ मंगेशकर पुरस्कार

मद्रास के मोजार्ट को हृदयनाथ मंगेशकर पुरस्कार

ए आर रहमान के लिए आज दोहरी खुशी का दिन है। एक तरफ उन्हें हृदयनाथ मंगेशकर पुरस्कार मिलने की घोषणा हुई है तो दूसरी ओर ब्राजील के कालजयी फुटबॉल खिलाड़ी पेले अपने कोलकाता प्रवास के दौरान उनसे मिलेंगे।
कोलकाता में देखिए दुर्लभ डाक टिकटें

कोलकाता में देखिए दुर्लभ डाक टिकटें

राज्य स्तरीय डाक टिकट संग्रह प्रदर्शनी की मेजबानी कर रहे कोलकाता में पहली बार सन 1854 में जारी डाक टिकट सहित कुछ दुर्लभ डाक टिकटों को दिखाया जाएगा। यह प्रदर्शनी नौ अक्टूबर से शुरू होगी।
अफ्रीकी सफारी की तर्ज पर पूजा पंडाल

अफ्रीकी सफारी की तर्ज पर पूजा पंडाल

इस पूजा में कुछ नया अनुभव करना हो तो कोलकाता का रूख किया जा सकता है। कोलकाता में हर साल की तरह इस बार भी पूजा पंडालों को अलग और अनूठा बनाने की तैयारी जोरों पर है। दुर्गा पूजा आने में अभी वक्त है। लेकिन पंडाल में ज्यादा से ज्यादा लोग आएं इसके लिए आयोजक तरह-तरह के प्रयोग कर रहे हैं। लोगों को आकर्षित करने के लिए कोलकाता के एक पंडाल ने यहां आने वाले लोगों को अफ्रीकी सफारी का आनंद लेने का मौका दिया है।
नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान कायम हैं विरोधी स्वर

नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान कायम हैं विरोधी स्वर

एक तरफ जहां मोदी के समर्थन में जुटाया जा रहा फैन-फेयर, वहीं गुजरात नरंसहार की काली छाया अब भी बरकरार, एलाइंस फॉर जस्जिस एंड अकॉन्टबिल्टी की सक्रियता बढ़ी
व्यापमं के व्हिसल ब्लोअर और उनकी पत्नी का तबादला वापस

व्यापमं के व्हिसल ब्लोअर और उनकी पत्नी का तबादला वापस

मध्य प्रदेश के कुख्यात व्यापमं घोटाले का खुलासा करने वाले प्रमुख कार्यकर्ता डॉ. आनंद राय और उनकी हमपेशा पत्नी के विवादास्पद तबादले के मामले में प्रदेश सरकार ने आज यू टर्न लेते हुए इस दंपति के स्थानांतरण आदेश वापस ले लिए।
पेड़ों को मिले पहचान पत्र

पेड़ों को मिले पहचान पत्र

कोलकाता उपनगर में अब इंसानों की तरह पेड़ों को भी पहचान पत्र दिए जा रहे हैं। जलवायु परिर्वतन का मुकाबला करने में पेड़ों की महत्वपूर्ण भूमिका का आकलन करने के लिए एक परियोजना के तहत अधिकारियों ने पेड़ों की 28 किस्मों के लिए पहचान पत्र जारी किए हैं।
जब पुलिस इस पत्रकार को बालों से नोचती हुई ले गई

जब पुलिस इस पत्रकार को बालों से नोचती हुई ले गई

कैमरे पर सच दिखाने की हिमाकत का नतीजा यह रहा कि कोलकाता पुलिस गौतम कुमार विश्वास को बालों से नोचती हुई घसीट कर ले गई। उन्हें जहां चाहा मारा। लातें, घूसे सब। गौतम कोलकाता के फ्रीलांस पत्रकार हैं, जो पुलिस और प्रशासन की पोल खोलती फिल्में बनाते हैं। जान की परवाह किए बिना भ्रष्ट तंत्र से टकराने वाले गौतम के महीने के आधे से ज्यादा दिन अदालतों में जाते हैं। उनकी कमाई का बड़ा हिस्सा वकीलों को जा रहा है लेकिन फिर भी गौतम इस घुन लगी व्यवस्था के आगे न झुकते हुए बखूबी अपना काम कर रहे हैं।