राष्ट्रपति चुनाव में समाजवादी पार्टी का पारिवारिक झगड़ा खुलकर सामने आ गया है। सपा नेता शिवपाल यादव ने दावा किया है कि पार्टी के 12 से15 विधायक राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस-वोटिंग कर सकते हैं।
आज देश के 14वें राष्ट्रपति के लिए मतदान शुरू हो चुका है। इस रेस में एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का मुकाबला विपक्षी उम्मीदवार मीरा कुमार से है। हालांकि इस चुनाव में रामनाथ कोविंद का पलड़ा भारी है वहीं विपक्षी उम्मीदवार मीरा कुमार भी कड़ी टक्कर देने के लिए मैदान पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, भाजपा के नेता मुरली मनोहर जोशी समेत कई नेताओं ने मतदान कर दिया है।
एनडीए कोविंद की बड़ी जीत तय करने के लिए विपक्ष के वोटों में सेंध लगाने की रणनीति बना रहा है। इस सिलसिले में शाम को एक अहम बैठक भी होगी जिसमें जीत के लिए मास्टर प्लान बनाया जाएगा।
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी में एक बार फिर दरार दिखाई दे रही है। सपा अध्यक्ष विपक्ष की राष्ट्रपति उम्मीदवार मीरा कुमार के साथ हैं, तो शिवपाल यादव ने एनडीए के उम्मीदवार कोविंद को वोट देने का ‘मन बना लिया है।’
विपक्ष की राष्ट्रपति उम्मीदवार मीरा कुमार ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में दलित का मुकाबला दलित से, जैसी चर्चाएं चल रही हैं, लेकिन जब उच्च जाति के उम्मीदवार होते हैं तो उनकी जाति की चर्चा नहीं की जाति। मीरा कुमार ने कहा कि जाति को जमीन में गाड़ देना चाहिए।
राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को अपना नामांकन दाखिल किया। नामांकन के बाद कोविंद ने कहा कि राष्ट्रपति का पद दलगत राजनीति से ऊपर होना चाहिए।
आजादी की लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभाने वाले दिग्गज नेता बाबू जगजीवन राम की बेटी मीरा कुमार को विपक्षी दलों ने अपना उम्मीदवार बनाकर एनडीए को महती चुनौती देने की कोशिश की है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जदयू ने हालाकि एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने की बात कहकर अपना पक्ष भले स्पष्ट कर दिया हो लेकिन बिहार की मीरा कुमार योग्यता और प्रशासनिक संवैधानिक अनुभव में कोविंद से बीस ही साबित होंगी। तो क्या नीतीश कुमार के सामने यह धर्मसंकट खड़ा हो सकता है कि वे बिहार की दिग्गज दलित बेटी का साथ देंगे।