प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लालकिले के प्राचीर से जब अपना दूसरा भाषण दे रहे थे तो वह जोश नजर नही आ रहा था जो एक साल पहले था। नरेंद्र मोदी के आज के भाषण में जो नई घोषणाएं थी उसको लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं कि आखिर साल 2014 में 15 अगस्त को जो वादा किया था उसका क्या हुआ।
राष्ट्रपति भवन में चाहे और बहुत कुछ हो मगर सफाई जरा कम है। हाल ही में जारी स्वच्छता अभियान रेटिंग में राष्ट्रपति भवन पिछड़ गया है। राष्ट्रपति भवन को हैदराबाद हाउस, विज्ञान भवन और जवाहरलाल नेहरू भवन ने पछाड़ा है।
भारतीय जनता पार्टी की सांसद हेमा मालिनी की कार दुर्घटना में मारी गई दो साल की बच्ची के पिता शोकाकुल हैं जबकि उसकी घायल मां एक ही रट लगा रही है कि चिन्नी कहां है? उसे यह पता नहीं कि उसकी बेटी अब इस दुनिया में नहीं है। परिवार का इससे भी ज्यादा दुख इस बात को लेकर है कि सांसद या उनके किसी सहयोगी ने उनका हाल तक जानने की कोशिश नहीं की। दूसरी तरफ, हेमा मालिनी की सेडान कार चलाने वाले ड्राइवर को अदालत से जमानत भी मिल गई है और अभिनेत्री के नाक की प्लास्टिक सर्जरी सफल रही है।
लंदन के नेहरू सेंटर में ओपी नैय्यर के गीतों से सजी शाम का आयोजन हुआ। कुल 140 सीटों वाले नेहरू सेंटर में 170 लोगों ने अर्पण कुमार और मीतल के मार्फत मुहम्मद रफी और आशा भोंसले की आवाजों को सुना। की-बोर्ड पर सुनील जाधव थे तो तबले पर केवल। गीतों से भरी इस शाम में कई लोग दूर-दूर से आए थे।
पूर्वी उत्तर प्रदेश के पिछड़े जिले गाजीपुर में स्वास्थ्य सेवाओं का इतना बुरा हाल है कि यहां के अस्पतालों को ही इलाज की जरुरत महसूस होने लगी है। डाॅक्टर और दवा दोनों ही जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की समस्या है।
कांग्रेस नेता अनिल शास्त्री ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार सहित पिछले 30 वर्ष के दौरान रहने वाली पूर्ववर्ती सरकारों की विदेशी धरती पर आलोचना इसलिए की क्योंकि देश में उनका विश्वास करने वाले अधिक लोग नहीं हैं।
38 साल बाद बिना न्याय पाए अरुणा शानबाग ने दुनिया को अलविदा कह दिया है। जैसे ही अरुणा शानबाग की मौत की खबर की पुष्टि हुई, सोशल मीडिया पर हैशटेग # Aruna shanbaug पर सेलिब्रिटिज समेत तमाम लोगों ने अरुणा के प्रतिं संवेदना जाहिर की। कुछ ने बलात्कार पर कानून के ढीले रवैये पर गुस्सा जाहिर किया तो कुछ ने समाज पर। इस बीच ज्यादातर लोगों ने मुंबई के किंग एडवर्ड मेमोरियल (केईएम) अस्पताल के स्टाफ की उन नर्सों को सलाम किया, जो बिना स्वार्थ के पिछले 38 सालों से अरुणा की सेवा कर रही थीं। फेसबुक और टि्वटर पर अरुणा को श्रद्धांजलि संबंधी कुछ टिप्पणियां-
पिछले 42 साल में उसने एक शब्द नहीं बोला न ही एक कदम भी वह चल पाई। जीवन के चार दशक उसने बिस्तर पर बिताए जबकि 23 साल की उम्र में उसने भी एक सुखमय विवाहित जीवन के सपने देखे थे और उसके सपने सच होने में केवल कुछ दिनों का ही फासला था। लेकिन महज एक पुरुष की हवस ने उसके जीवन को नरक में बदल दिया।