एक ओर जहां महागठबंधन तोड़ नीतीश कुमार ने बिहार में भाजपा के साथ हाथ मिलाकर नई सरकार बना ली है, तो वहीं जद (यू) के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने बगावती तेवर अख्तियार कर लिया है।
जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव की ओर से आयोजित ‘साझा विरासत बचाओ सम्मेलन’ में विपक्षी दलों ने एकजुट होकर अपनी ताकत का अहसास कराया। सम्मेलन में जुटे विपक्षी नेताओं ने गुजरात विधानसभा तथा देश के अगले आम चुनाव के लिए विघटनकारी ताकतों को रोकने के लिए ठोस रणनीति बनाने पर जोर दिया। सम्मेलन में विपक्षी दलों के नेता जिस तरह से जुटे उसे सियासी हलकों में अहम माना जा रहा है।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गुरुवार को सोशल मीडिया के माध्यम से एक पत्र साझा किया है। यह वो पत्र है जिसे पीएम नरेंद्र मोदी ने मुखर्जी के राष्ट्रपति पद से मुक्त होने पर लिखा था।
बिहार विधानसभा में विश्वासमत की कार्यवाही चल रही है, वहीं आरजेडी के नेता तेजस्वी को विपक्षी दल का नेता चुन लिया गया है। इस दौरान तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार हे राम से जय श्रीराम हो गए।
बिहार में जेडीयू-आरजेडी और कांग्रेस के बीच गठबंधन टूटने पर विपक्ष निराश है। विपक्ष के ज्यादातर दलों का कहा है कि नीतीश कुमार को किसी भी तरह से गठबंधन बचाना चाहिए था। वहीं जेडीयू का कहना है कि हमने बहुत कोशिश की।