राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में केंद्रीय सत्ता से जुड़े सबसे महत्वपूर्ण मार्ग रेसकोर्स रोड का नाम अब लोक कल्याण मार्ग होगा। इसी मार्ग पर देश के प्रधानमंत्री का आवास स्थित है।
अपना पद छोड़ने से इनकार करने वाले अरूणाचल प्रदेश के राज्यपाल जेपी राजखोवा को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बर्खास्त कर दिया। राज्यपाल को पद से हटाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति को एक विस्तृत रिपोर्ट भेजी थी।
केंद्र सरकार की ओर से अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक स्वरूप को चुनौती प्रदान करने वाले हलफनामें के जबाव में विश्वविद्यालय ने अपनी राय स्पष्ट करते हुए इसे दलगत राजनीति से प्रेरित एक प्रयास बताया है। सरकार द्वारा अगले जबाव के लिए 3 सप्ताह का अतिरिक्त समय मांगे जाने के बावजूद मसला शांत नहीं हुआ है। केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक स्वरूप के विरूद्ध की गई टिप्पणी के बाद से यह सदन के अंदर और बाहर का मसला बन चुका है।
यूपी में भाजपा भी अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने जा रही है। राजधानी लखनऊ में ‘मानवता सद्भावना समारोह’ के नाम से आयोजित की जाने वाली इस महारैली को पार्टी अध्यक्ष अमित शाह संबोधित करेंगे। इस रैली के जरिये शाह बसपा सुप्रीमो मायावती को अपनी पार्टी की दलित शक्ति का प्रदर्शन दिखाएंगे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और समाजवादी पार्टी के सांसद बेनी प्रसाद वर्मा ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भूमिका पर सवाल उठाकर इस विवाद को नए सिरे से हवा दे दी है।
केंद्र सरकार जनता को एक और अधिकार देने जा रही है। जनता को अब पद्म पुरस्कारों के लिए किसी भी हस्ती और लब्धप्रतिष्ठ के नाम की सिफारिश करने का अधिकार मिलने वाला है। संस्कृति मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक पहली बार जनता को ये अधिकार मिल रहा है।
देश में अरहर दाल की इस बार भरपूर पैदावार होने का दावा करते हुए केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि जो जमाखोर अरहर की दाल इस लालच में जमा किए हुए हैं कि एक बार फिर अरहर के दाम बढ़ेंगे तो वह इस मुगालते में न रहें और अपनी दाल बाजार में निकाल दें, क्योंकि फसल अच्छी होने के कारण इस बार उन्हें कुछ मिलने वाला नहीं है।
केन्द्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह ने सावधान करते हुए कहा है कि कश्मीर के बाद बिहार में भी अलगाववादियों का बढ़ावा मिल रहा है। अलगाववादियों की यहां नर्सरी चल रही है। लेकिन इसे कोई रोकने वाला नहीं है।
अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल ज्योति प्रसाद राजखोआ ने अपने पद से इस्तीफा देने से साफ इनकार कर दिया है। लेकिन केंद्र सरकार ने तत्काल इनको हटाने का फैसला नहीं किया है। राज्य की विधानसभा के दो दिनों के सत्र में गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स से जुड़े संविधान (122वां संशोधन) विधेयक पर मुहर लगाई जा सकती है। जिसके बाद राजखोआ को पद से हटाने के संकेत हैं।