विवेक मिश्र को साहित्यिक पत्रिका हंस में प्रकाशित उनकी कहानी ‘और गिलहरियां बैठ गईं’ के लिए अठारहवें रमाकांत स्मृति कहानी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
अपनी सरजमीं पर खेल रही भारतीय हाकी टीम कल कनाडा के खिलाफ 11वें एफआईएच जूनियर विश्व कप में अपने अभियान का आगाज करेगी तो उसका इरादा पंद्रह साल से खिताब नहीं जीत पाने का सिलसिला तोड़ना होगा।
13,860 करोड़ रुपए की ब्लैकमनी का खुलासा करने के बाद गिरफ्तार हुए गुजराती व्यापारी महेश शाह को आयकर विभाग ने छोड़ दिया है। विभाग ने शनिवार को गिरफ्तार करने के बाद घंटों पूछताछ की और शाह के बयान रिकॉर्ड किए। इसके बाद शाह को छोड़ दिया गया है और सोमवार को फिर आने के लिए कहा है।
लोकसभा में गुरुवार को प्रश्नकाल में भाजपा के अनुराग ठाकुर ने सरकार से पूछा कि क्या अन्य कई देशों की तरह भारत में क्रिकेट में सट्टेबाजी को वैध करने का कोई विचार है। खेल मंत्री विजय गोयल ने कहा कि सट्टेबाजी खेलों में ही नहीं बल्कि कई क्षेत्रों में होती है और अगर उस पर रोक लगाई जाती है तो खेलों में सट्टेबाजी भी रक जाएगी।
नोटबंदी को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री विरोध और केंद्र सरकार और उनके मंत्रियों को घेरने का कोई मौका छोड़ना नहीं चाहते। लेकिन बिना तैयारी के जब वह इसमें कूद पड़ते हैं तो कभी-कभी उन्हें मुंह की खानी पड़ती है।
न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच मतभेदों का सिलसिला अभी भी जारी है। प्रधान न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर ने एक बार फिर शनिवार को उच्च न्यायालयोें और न्यायाधिकरणों में न्यायाधीशों की कमी का मामला उठाया जबकि विधि एवं न्याय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने जोरदार तरीके से इससे असहमति व्यक्त की।
देश में 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट अमान्य करने के सरकार के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय में कल सुनवाई होगी। इन याचिकाओं में कहा गया है कि सरकार के इस फैसले से नागरिकों के जीवन और व्यापार करने के साथ ही कई अन्य अधिकारों में बाधा पैदा हुई है।
दिल्ली हाई कोर्ट की 50वीं सालगिरह के मौके पर विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि न्याय की प्रक्रिया में उपेक्षितों और दलितों की भागीदारी होना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि दबे कुचले लोगों को सिस्टम में लाना ही होगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मौके पर जजों की फोन टैपिंग का मसला उठा कर विवाद खड़ा कर दिया, तो सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने भी पीएम की मौजूदगी में केंद्र पर निशाना साधते हुए जजों की नियुक्ति में हो रही देरी का मसला एक बार फिर उठाया।
देश के प्रधान न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर ने आज कहा कि न्यायिक नैतिकता के साथ कभी भी समझौता नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि असामान्य घटनाओं से पूरी न्याय प्रणाली की छवि खराब हो सकती है। इसके साथ ही उन्होंने न्यायाधीशों से कहा कि उन्हें उनकी सत्यनिष्ठा के बारे में लोगों की धारणा के बारे में आत्मचिंतन करना चाहिए।
हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति के मामले में केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट आमने-सामने आ गए हैं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई। उच्चतम न्यायालय ने कोलेजियम की सिफारिशों के बावजूद उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति नहीं किये जाने पर शुक्रवार को नाराजगी व्यक्त करते हुये सरकार से कहा कि आप :न्यायपालिका के: पूरे संस्थान को काम करने से पूरी तरह से नहीं रोक सकते।