आगामी 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस समारोह पर लाल किले की प्राचीर से दिए जाने वाले अपने भाषण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता से सुझाव मांगे हैं।
आगरा और मथुरा के दौरे पर आए आरएसएस के अखिल भारतीय गौ सेवा प्रमुख शंकर लाल का मानना है कि गाय के गोबर से मोबाइल का रेडिएशन रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि मोबाइल पर गोबर लगा देने से उसके रेडिशन का प्रभाव नहीं पड़ता है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर अब डेढ़ करोड़ रुपए की लैंड क्रूजर में अपना सफर करेंगे। यह आलीशान गाड़ी उनके काफिले में शामिल हो गई है। सीएम के नाम पर अलॉट होने वाली यह गाड़ी बुलेट प्रूफ होगी।
पंचकूला में चल रहे तीन दिन के योग प्रशिक्षण शिविर के आखिरी दिन हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी बाबा रामदेव के इशारों पर दाएं-बाएं घूमे। यानी उन्होंने भी योग की बारीकियां सीखीं। तीन दिन का प्रशिक्षण शिविर 21 जून को की पूर्व तैयारी है।
हरियाणा में सोमवार को भी आरक्षण की मांग को लेकर जाटों का आंदोलन जारी रहा। राज्य में विभिन्न स्थानों पर ऑल इंडिया जाट आरक्षण संघर्ष समिति (एआईजेएएसएस) से जुड़े जाट नेताओं ने दूसरे दिन भी धरना दिया लेकिन उसमें लोगों की उपस्थिति कम ही रही।
हरियाणा में जाट आंदोलन से निपटने के लिए प्रशासन इस बार काफी सतर्क है। प्रशासन ने राज्य के संवेदनशील 8 जिलों में धारा 144 लागूू कर दी है। दिल्ली से सटे सोनीपत में मोबाइल इंटरनेट पर रोक लगा दी गई है। पिछली बार की हिंसा से सबक लेते हुए खट्टर सरकार ने राज्य में अर्धसैनिक बलों की 55 कंपनियां तैनात की हैं।
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति (एबीजेएएसएस) ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण के लिए पांच जून से हरियाणा में फिर से आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है। इसे देखते हुए हरियाणा में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। राज्य के 8 जिलों में धारा 144 लगाई गई है। आंदोलन को रोकने के लिए खट्टर सरकार हाई कोर्ट में एक याचिका दायर करेगी।
हरियाणा में गुरुवार को एक बार फिर सतर्कता बढ़ी दी गई क्योंकि जाटों ने अल्टीमेटम दिया है कि अगर उनके आरक्षण के मुद्दे को हल नहीं किया गया तो वे फिर आंदोलन की राह पकडेंगे। जाटों ने सरकार को इसके लिए 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया था जो समय सीमा आज रात समाप्त हो रही है। लेकिन इससे भी बड़ी चेतावनी प्रधानमंत्री मोदी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर तथा केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से बात करने के बाद प्रशासन को दी है कि इस बार जाट आंदोलन के नाम पर ऐसा कुछ नहीं होना चाहिए जिससे सार्वजनिक संपत्ति को क्षति पहुंचे। संवेदनशील जिलों में पुलिस और अर्द्ध सैनिक बल सतर्क हैं तथा वे विभिन्न स्थानों पर फ्लैग मार्च कर रहे हैं।
विरोध, प्रदर्शन, आंदोलन, लोकतंत्र में अनुचित नहीं माने जाते। लेकिन अपने खेत-खलिहान-घर-आंगन को सुरक्षित रखने के साथ मासूम बच्चों के स्कूलों, बीमार और घायलों का उपचार करने वाले अस्पतालों, गांव से कस्बों तक पहंुचाने वाली बसों अथवा जानमाल की सुरक्षा के लिए बनाए गए थानों को आग लगाने के बजाय सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी भी तो समाज की है।