सबसे ज्यादा प्रतीक्षित कार्यक्रम का अवॉर्ड यदि पुस्तक मेले के नाम किया जाए तो भी गलत नहीं होगा। किसी भी पर्व-त्योहार से ज्यादा इस मेले को लेकर उल्लास रहता है। हर साल दिल्ली के प्रगति मैदान में लाखों की संख्या में पुस्तक प्रेमी जुटते हैं।
फेसबुक के संस्थापक जुकरबर्ग के बाद अब गूगल गूगल प्रमुख सुंदर पिचई भी मुस्लिमों के समर्थन में उतर आए हैं। शनिवार को अपने एक ब्लॉग के जरिये उन्होंने कहा कि हमें अमेरिका और विश्व में मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों का समर्थन करना चाहिए।
हॉकी विश्व लीग में कांस्य पदक के लिए आज खेले गए मैच में भारत ने नीदरलैंड को हरा दिया। बेहद रोमांचक मैच का फैसला शूट आउट से हुआ जिसे भारत ने नीदरलैंड के 2 गोल के मुकाबले 3 गोल कर जीत लिया है।
विश्व के नंबर दो विकलांग बांह पहलवान (आर्म रेसलर) मनीष कुमार (36) केवल अपने दाएं हाथ से भोपाल के बड़े तालाब में खाली जहाज को खींचकर एक विश्व रिकार्ड बनाना चाहते हैं। वह वर्ष 2006 और 2012 में क्रमश इंग्लैंड और ब्राजील में हुई विश्व बांह पहलवान (आर्म रेसलर) प्रतियोगिता में शामिल हो चुके हैं। मनीष, जिनके कमर के नीचे का हिस्सा पोलियो के कारण काम नहीं करता है, वर्ष 2012 में राष्ट्रीय स्पर्धा में विकलांग और सामान्य दोनों श्रेणियों में स्वर्ण पदक जीत चुके हैं। वह मध्यप्रदेश के कुश्ती समुदाय के सबसे बड़े सम्मान मध्यप्रदेश केसरी से भी वर्ष 2014 में नवाजे जा चुके हैं।
म्यांमार के चुनावों में भारी जीत की ओर बढ़ती दिखाई दे रही विपक्षी पार्टी ने सरकारी चुनावी पैनल पर जानबूझकर नतीजों में देरी करने का आरोप लगाया है। आंग सान सू की की पार्टी ने कहा है कि शायद चुनावी पैनल कुछ तरकीब लड़ाना चाहता है।
अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा कि विश्व स्वास्थ संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के अनुसार, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से जो छात्र डाॅक्टर बनकर निकल रहे हैं, उसमें से 54 प्रतिशत डाॅक्टर विदेश चले जाते हैं और लौटकर भारत नहीं आते। रिपोर्ट यह भी कहती है कि हिन्दी माध्यम से स्कूल की पढ़ाई अच्छे अंकों से उत्तीर्ण करने वाले छात्र जब एम्स जैसी संस्था में पढ़ने जाते हैं, तो भाषाई स्तर पर पिछड़ने की वजह से उनमें से कई तो आत्महत्या तक कर लेते हैं। यही वजह है कि अब एमबीबीएस की परीक्षा हिंदी में कराने की मुहिम तेज हो गई है।
झीलों के शहर से हिंदी की सुरलहरी की अनुगूंज विश्व भर में गूंजी। देश-विदेश से आए लोग इस दिवस का हासिल है। साक्षीजनों के बीच से जो संदेश निकलकर आया, उसके अर्थ और निमित्त बहुत ही दूरगामी है।
विवादों के बीच भोपाल में शुरू हुआ 10वां विश्व हिंदी सम्मेलन बगैर कोई छाप छोड़े समाप्त हो गया। पूरे कार्यक्रम के आयोजन में इसके उद्घाटन और समापन पर ही आयोजकों का सारा फोकस था। पर उसके बावजूद कार्यक्रम पूरी तरह से अपने उद्देश्यों से दिशाहीन होकर समाप्त हो गया। विवादों का ही असर हुआ जिसके चलते सदी के महानायक अमिताभ बच्चन इसके समापन समारोह में अपने पहले से तय कार्यक्रम के बावजूद नहीं आए।
यह तो सभी मानते थे कि चीन दुनिया की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान रखता है मगर इस बार इसका असर गंभीरता से नजर आया। चीन के इस प्रभाव ने दुनिया की अर्थव्यवस्था के प्रति चिंता बढ़ा दी है।