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Search Result : "Manoj Muntashir"

मनोज और सुमित ओलंपिक में जगह बनाने के करीब

मनोज और सुमित ओलंपिक में जगह बनाने के करीब

राष्ट्रमंडल खेलों के पूर्व स्वर्ण पदक विजेता मनोज कुमार (64 किग्रा) और सुमित सांगवान (81 किग्रा) ने मंगलवार को बाकू (अजरबेजान) में अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) विश्व क्वालीफाइंग टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में जगह बना ली। ये दोनों रियो ओलंपिक में जगह बनाने से अब सिर्फ एक जीत दूर हैं।
देवेंद्रो क्वार्टर फाइनल में,  मनोज ओलंपिक क्वालीफायर के अंतिम 16 में

देवेंद्रो क्वार्टर फाइनल में, मनोज ओलंपिक क्वालीफायर के अंतिम 16 में

राष्ट्रमंडल खेलों के रजत पदकधारी एल देवेंद्रो सिंह (49 किग्रा) ने अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ के विश्व ओलंपिक क्वालीफिकेशन टूर्नामेंट के क्वार्टरफाइनल में जबकि अनुभवी मनोज कुमार (64 किग्रा) ने अंतिम-16 चरण में प्रवेश किया।
पिछले साल ट्रेनों में खानपान से जुड़ी करीब 5000 शिकायतें दर्ज

पिछले साल ट्रेनों में खानपान से जुड़ी करीब 5000 शिकायतें दर्ज

लोकसभा को बुधवार को सूचित किया गया कि लंबी दूरी की और प्रीमियम टेनों में पिछले साल खानपान से संबंधित करीब 4969 शिकायतें दर्ज की गईं जिनमें एक लाइसेंस निरस्त करने के साथ ही चेतावनी देने की और अन्य कार्रवाई की गई हैं।
मशहूर अभिनेता मनोज कुमार को दादासाहेब फाल्के सम्मान

मशहूर अभिनेता मनोज कुमार को दादासाहेब फाल्के सम्मान

मशहूर अभिनेता मनोज कुमार को साल 2015 का दादासाहेब फाल्के अवार्ड दिया जाएगा। अपनी विशिष्ट अभिनय शैली और देशभक्ति की भावना से भरी फिल्मों के लिए मनोज कुमार लाखों भारतीय दिलों पर राज करते हैं।
उदासी का संगीत अलीगढ़

उदासी का संगीत अलीगढ़

जरूरी नहीं कि हर संगीत दिल को सुकून ही देता हो। कुछ संगीत कर्णप्रिय होते हुए भी दिल में छाले उगा सकता है। निर्देशक हंसल मेहता की फिल्म अलीगढ़ एकांत का दुखभरा संगीत है।
छोटी फिल्मों का बड़ा असर

छोटी फिल्मों का बड़ा असर

फिल्म निर्माता शिरीष कुंदर की आने वाली लघु फिल्म कीर्ति में अभिनेता मनोज वाजपेयी और राधिका आप्टे नजर आएंगे। यह फिल्म एक मनोवैज्ञानिक थ्रिलर पर आधारित होगी। राधिका आप्टे पहले भी कई लघु फिल्मों में काम कर चुकी हैं।
मनोज कुलकर्णी की कहानी - औघड़ समय

मनोज कुलकर्णी की कहानी - औघड़ समय

मूलतः चित्रकार। अनेक चित्र-प्रदर्शनियों में कला-कृतियां चयनित, प्रदर्शित। प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में कहानियां, कविताएं, रेखांकन, समीक्षाएं और कला-लेख प्रकाशित। एक कहानी-संग्रह के अलावा ‘जन-वाचन’ आंदोलन के लिए लिखी कुछ पुस्तकें प्रकाशित। जनवादी लेखक संघ की पत्रिका ‘नया-पथ’ के चित्रकला-विषेषांक के अलावा भारत ज्ञान विज्ञान समिति के लिए ‘ज्ञान विज्ञान वार्ता’ के कुछ अंकों और एक बाल पुस्तक माला का संपादन। बच्चों की किताबों के लिए रचनात्मक रेखांकन। कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों और पुस्तिकाओं के अनुवाद प्रकाशित। सांस्कृतिक और सामाजिक आंदोलनों से गहरा जुड़ाव। घुमक्कड़ी और फोटोग्राफी में गहरी दिलचस्पी।
आर.के. सिंह ने फिर दिखाए तेवर, मनोज तिवारी भी कतार में

आर.के. सिंह ने फिर दिखाए तेवर, मनोज तिवारी भी कतार में

बिहार में चुनावी पराजय के बाद भाजपा में बवाल थम नहीं रहा। आज भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने पार्टी की रणनीति में खामी होने की बात कही जबकि असंतुष्ट सांसद आर.के. सिंह ने लालकृष्ण आडवाणी जैसे वरिष्ठ नेताओं की उस मांग का समर्थन किया जिसमें उन्होंने हार की जवाबदेही तय करने की बात कही है।
साहित्य को लेकर हम लापरवाह - उदयन वाजपेयी

साहित्य को लेकर हम लापरवाह - उदयन वाजपेयी

साहित्यिक पत्रिका समास के संपादक और साहित्यकार उदयन वाजपेयी अपनी कहानियों से ज्यादा उनके द्वारा लिए गए विभिन्न हस्तियों के साक्षात्कार के लिए पहचाने जाते हैं। कई साहित्यिक पत्रिकाओं के बीच समास का अलग तेवर है। स्थानीय पुट के साथ-साथ इसमें राष्ट्रीयता का दखल भी इसमें कम नहीं होता। साहित्यिक पत्रिकाओं की कमी और इस दुनिया के बदलते तेवर पर उन्होंने कई पहलुओं पर अपनी बात साझा की।
कांटों के बीच अपनों की चिंता

कांटों के बीच अपनों की चिंता

मनोज की कविताओं में समाज के विविध रंग दिखाई पड़ते हैं। परिवार के प्रति चिंता या अपनों की देखरेख की चिंता भी मनोज शब्दों में ऐसे बांधते हैं कि हर किसी को वह दुख साझा लगता है। सन 2008 के प्रतिष्ठित भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार के बाद भारतीय भाषा परिषद से तथापि जीवन नाम से काव्य संग्रह। कविताएं लिखने के अलावा अनुवाद के काम में संलग्न रहते हैं।
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