आमतौर पर जन आंदोलनों की तरफ ध्यान तभी जाता है जब कोई बड़ी हस्ती शामिल हो या कहीं हिंसा भड़क जाए। लेकिन पिछले दो हफ्ते से राजस्थान के शेखावाटी में फैला किसान आंदोलन न सिर्फ शांतिपूर्ण है बल्कि अपने मुद्दों और मकसद पर कायम भी है।
सीएम फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि मराठा आरक्षण की मांग को बैकवर्ड क्लास कमिशन को रेफर कर दिया है, जो मराठाओं को आरक्षण देने के आधार और संभावनाओं का अध्ययन करेगा।
किसानों के उग्र आंदोलन के बाद महाराष्ट्र सरकार एक के बाद एक राहत भरे फैसले ले रही है। राज्य सरकार ने कर्जमाफी के ऐलान के बाद किसानों को रुपये देने का फैसला किया है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के मंच पर भारतीय किसान यूनियन के महामंत्री ने भले ही आंदोलन समाप्त करने का ऐलान कर दिया हो लेकिन यूनियन की कार्यकारिणी ने इसका खंडन किया है। ऐसे में सीएम शिवराज की मुसीबतें बढ़ती दिखाई दे रही है।
पवन हंस लिमिटेड के कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर कंपनी में सरकार की समूची 51 प्रतिशत हिस्सेदारी के विनिवेश के फैसले पर पुनर्विचार का आग्रह किया है। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार का यह निर्णय उनके लिये चौंकाने वाला है। पवन हंस लिमिटेड मुनाफा कमाने वाला उपक्रम है।
जाट आरक्षण को लेकर शुरू हुआ आंदोलन जींद के गांव ईक्कस और पलवल में तीसरे दिन भी जारी रहा। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के सदस्यों ने खाप चौधरियों तथा जाट मंत्रिायों पर जमकर निशाना साधा।
महाराष्ट्र के मंत्री राजकुमार बडोले की टिप्पणी के बाद शिवेसना ने भाजपा पर करारा हमला किया है। शिवसेना ने सवाल उठाते हुए कहा है कि क्या भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की रैलियों पर मोटी रकम खर्च नहीं की जाती है। बडोले ने कहा था कि राज्य में आरक्षण पर निकाले जा रहे मराठा मार्च धन बल की वजह से कामयाब हो रहेे हैंं।
मराठा पृष्ठभूमि गौरवशाली रही है। मराठा राजा-महाराजाओं का सत्ताकाल, स्वतंत्रता आंदोलन और आजाद भारत में आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण उपलब्धियों का बड़ा श्रेय मराठा समुदाय को मिलता है। मुंबई, पुणे, औरंगाबाद, नागपुर जैसे क्षेत्रों में उद्योग-व्यापार, शिक्षा, पर्यटन, सहकारी समितियों की संस्था एं, कृषि, विज्ञान इत्यादि में नए रिकॉर्ड बने हैं। फिर भी पिछले दिनों राजनीतिक इरादों से मराठा आरक्षण देने की मांग को लेकर हजारों लोगों का प्रदर्शन हुआ है।