यह बसपा प्रमुख मायावती के राज में हुआ ऐसा कथित घोटाला है, जिसे लोग पहले दिन से ही घोटाला मानते हैं। लेकिन साबित आज तक नहीं हो पाया। इस मामले में मायावती के साथ-साथ अखिलेश यादव पर भी शिकंजा कसना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने 2010-11 में मायावती शासन के दौरान राज्य की 21 चीनी मिलों की बिक्री में हुए 1100 करोड रुपये के घोटाले की जांच के निर्देश दिये हैं। प्रशासनिक सूत्रों का दावा है कि आवश्यकता पड़ने पर मामले की सीबीआई जांच भी करायी जाएगी।
केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने शनिवार को दावा किया कि उनकी पार्टी आरपीआई उत्तर प्रदेश में बुरी तरह परास्त हुई बहुजन समाज पार्टी की जगह लेगी।
यूपी विधानसभा में करारी हार झेल रही बसपा सुप्रीमो मायावती को आगामी दिनों में और झटके लग सकते हैं। मीडिया में खबर है कि लोकसभा और विधानसभा में पार्टी को मिली हार से खिजियाए कुछ असंतुष्ट नेता 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के मौके पर एक अलग राजनीतिक मंच बना सकते हैं।
बसपा नेता मायावती ने भाजपा को दोबारा चुनौती दी कि अगर उसे उत्तर प्रदेश में जनता से जनादेश प्राप्त करने का पूरा भरोसा है तो वह राज्य में मतपत्रों का उपयोग करते हुए विधानसभा चुनाव कराए। साथ ही बसपा प्रमुख ने चुनावों में ईवीएम का उपयोग खत्म करने के लिए एक कानून बनाए जाने की मांग भी की।
ईवीएम में छेड़छाड़ करने के बसपा सुप्रीमो मायावती के आरोपों पर पलटवार करते हुए भाजपा ने उनसे गरिमापूर्ण ढंग से जनादेश को स्वीकार करने को कहा और जोर देते हुए कहा कि ईवीएम में दोष नहीं है, दोष आपके भीतर है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में करारी हार मिलने के बाद बसपा ने ईवीएम के साथ छेड़छाड़ किए जाने का आरोप लगाया जिसके बाद समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने इस संबंध में जांच की मांग की लेकिन चुनाव आयोग ने कहा कि इस आरोप का कोई आधार नहीं है।
बसपा मुखिया मायावती पर अभद्र टिप्पणी करने के आरोप में पिछले साल भाजपा से निकाले गये पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के तत्कालीन उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह का निष्कासन खत्म कर दिया गया।