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सरकार को तेजी से सभी तथ्यों को सार्वजनिक करना चाहिये : राठौड़

सरकार को तेजी से सभी तथ्यों को सार्वजनिक करना चाहिये : राठौड़

केन्द्रीय मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ ने आज कहा कि तथ्यों के भूखे सोशल मीडिया के इस दौर में अब सूचनाओं को छिपाया नहीं जा सकता, इसलिए सरकारी एजेंसियों को यह सुनिश्चित करना चाहिये कि जानकारियां तेजी से सार्वजनिक पटल पर आएं।
कार, होम लोन होगा सस्ता, रिजर्व बैंक ने नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत कटौती की

कार, होम लोन होगा सस्ता, रिजर्व बैंक ने नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत कटौती की

रिजर्व बैंक के नये गवर्नर उर्जित पटेल के नेतृत्व में हुई पहली मौद्रिक नीति समीक्षा में आज नीतिगत ब्याज दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की बहुप्रतीक्षित कटौती कर दी गई। नवगठित मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के तहत हुई इस पहली समीक्षा में समिति के सभी छह सदस्य दरों में कटौती के पक्ष में रहे। इस कटौती के बाद आरबीआई की रेपो दर 6.25 प्रतिशत रह गयी है जो पिछले छह साल का इसका न्यूनतम स्तर है।
चंडीगढ़ पहुंचीं 19 पाकिस्तानी लड़कियां बोलीं, सिर्फ मीडिया में है जंग का माहौल

चंडीगढ़ पहुंचीं 19 पाकिस्तानी लड़कियां बोलीं, सिर्फ मीडिया में है जंग का माहौल

उड़ी हमले की पृष्ठभूमि में भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच पड़ोसी देश की 19 लड़कियां मंगलवार की रात चंडीगढ़ पहुंचीं। इन लड़कियों का मानना है कि जंग का यह अफसाना सिर्फ हमारी सरकारों और मीडिया तक सीमित है जबकि सरहद के दोनों तरफ की आवाम को अमन चाहिए।
वित्तीय बाजार 2008 के बाद नीति नियामकों के काबू से बाहर निकल गए: सेबी प्रमुख

वित्तीय बाजार 2008 के बाद नीति नियामकों के काबू से बाहर निकल गए: सेबी प्रमुख

वैश्विक स्तर पर वित्तीय बाजार नियामकों के बीच बेहतर संयोजन पर जोर देते हुए भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन यू के सिन्हा ने आज कहा कि 2008 के ऋण संकट के बाद दुनिया में गैर परंपरागत मौद्रिक नीतियों से बाजार नीति निर्माताओं के नियंत्रण से बाहर हो गए हैं।
गुटनिरपेक्ष सम्मेलन में मोदी के नहीं शामिल होने पर सवाल उठाना गलत: अंसारी

गुटनिरपेक्ष सम्मेलन में मोदी के नहीं शामिल होने पर सवाल उठाना गलत: अंसारी

गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गैरमौजूदगी को तवज्जो नहीं देते हुए उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा है कि भारत की विदेश नीति में कोई बदलाव नहीं आया है। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्रियों का सम्मेलन नहीं है और जो बात मायने रखती है, वह यह है कि भागीदारी की जाए।
अधिकांश लोग नहीं चाहते एक साथ लोकसभा-विधानसभा चुनाव

अधिकांश लोग नहीं चाहते एक साथ लोकसभा-विधानसभा चुनाव

लोकसभा-राज्य विधानसभाओं के चुनाव साथ-साथ कराने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुहिम पर सरकार ने जनता से राय मांगी है। इस पर राजनीतिक हलकों में ज्‍यादा उत्‍साह नहीं हैं। बहुत सारे राजनीतिक दलों ने इसे अव्यवहारिक करार दिया है। लोकसभा में विपक्षी दल कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सवालिया निशान उठाते हुए कहा कि यह अव्यवहारिक है। यह किस तरह होगा?
एक साथ चुनाव कराने पर जनता की राय पूछ रही है सरकार

एक साथ चुनाव कराने पर जनता की राय पूछ रही है सरकार

क्या लोकसभा और सभी विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराना वांछित है। इस सवाल के साथ-साथ सरकार ने इसी मुद्दे से जुड़े अन्य कई सवालों को अपनी वेबसाइट माईगोव डॉट कॉम पर पोस्ट किया है ताकि वह आम जनता समेत सभी लोगों के विचार जान सके। इस मुद्दे पर अपने विचार देने की अंतिम तिथि 15 अक्तूबर है।
अब जनता भी पद्म पुरस्कारों की कर सकेगी अनुशंसा

अब जनता भी पद्म पुरस्कारों की कर सकेगी अनुशंसा

केंद्र सरकार जनता को एक और अधिकार देने जा रही है। जनता को अब पद्म पुरस्कारों के लिए किसी भी हस्ती और लब्धप्रतिष्ठ के नाम की सिफारिश करने का अधिकार मिलने वाला है। संस्कृति मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक पहली बार जनता को ये अधिकार मिल रहा है।
प्रचंड के भारत दौरे से नेपाल की चीन नीति में `यू-टर्न’ के आसार

प्रचंड के भारत दौरे से नेपाल की चीन नीति में `यू-टर्न’ के आसार

दूसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद पुष्प कुमार दहल प्रचंड 15 सितंबर से तीन दिन के आधिकारिक दौरे पर भारत आ रहे हैं। भारत और नेपाल के संबंधों को लेकर प्रचंड का एजेंडा कितना सकारात्मक होगा- यह सवाल राजनयिक और राजनीतिक गलियारों में शिद्दत से चक्कर काट रहा है। प्रचंड के पूर्ववर्ती के.पी. शर्मा ओली का चीन के प्रति झुकाव जगजाहिर रहा है। इस कारण नेपाल में भारत के प्रति दुर्भावना बढ़ी है। ऐसे में प्रचंड की प्राथमिक चुनौती भारत के साथ संबंधों की नीतियां दुरुस्त करना होगी।
सरकारी बैंकों के निजीकरण के लिए तैयार नहीं है देश : जेटली

सरकारी बैंकों के निजीकरण के लिए तैयार नहीं है देश : जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि देश सरकारी बैंकों के निजीकरण के लिए तैयार नहीं है और सरकार इन बैंकों को मजबूत बनाने के काम को सर्वाेच्च प्राथमिकता दे रही है। जेटली ने यह भी कहा कि आईडीबीआई बैंक को छोड़कर बाकी सरकारी बैंकों का सार्वजनिक स्वरूप बना रहेगा।