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दिल्ली से हावड़ा और मुंबई रूट पर 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेन

दिल्ली से हावड़ा और मुंबई रूट पर 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेन

गतिमान एक्सप्रेस की सफल शुरुआत के बाद रेलवे ने दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई रूटों पर यात्रा की अवधि कम करने की दिशा में बहुत बड़ा कदम उठाते हुए इन रूटों पर ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाकर 160 किलोमीटर प्रति घंटा करने की याजना बनाई है जिसकी अनुमानित लागत लगभग 10,000 करोड़ रुपये की बताई जा रही है।
शिक्षा नीति में किसी भाषा को थोपना अनुचित: मुस्लिम थिंकटैंक

शिक्षा नीति में किसी भाषा को थोपना अनुचित: मुस्लिम थिंकटैंक

कुछ संगठनों द्वारा अंग्रेजी भाषा को पढ़ाई से हटाने की सिफारिश किए जाने पर एक प्रमुख मुस्लिम थिंकटैंक ने आज कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में किसी भाषा को थोपना उचित नहीं रहेगा और अंग्रेजी आधुनिक दौर में विकास की एक प्रमुख धुरी है जिससे आज की पीढ़ी को उपेक्षित नहीं रखा जा सकता।
एयरएशिया इंडिया पर मिस्त्री का बयान सरकार की निगाह में

एयरएशिया इंडिया पर मिस्त्री का बयान सरकार की निगाह में

नागर विमानन मंत्रालय ने कहा है कि वह टाटा समूह के बर्खास्त चेयरमैन साइरस मिस्त्री द्वारा एयरएशिया इंडिया के बारे में दी गयी कथित जानकारी से जुड़े मुद्दों पर बराबर निगाह रखे हुए है और उसके संग्यान में कार्रवाई योग्य कोई बात आती है, तो उस पर कदम उठाया जाएगा। एयरएशिया इंडिया में टाटा समूह भी भागीदार है।
आरटीई के बाद शिक्षा के स्तर में गिरावट आई है : टीएसआर सुब्रमण्यम

आरटीई के बाद शिक्षा के स्तर में गिरावट आई है : टीएसआर सुब्रमण्यम

पूर्व कैबिनेट सचिव टीएसआर सुब्रमण्यम शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) से प्रभावित नहीं हैं और उन्होंने कहा कि भारत ने आरटीई के बाद शिक्षा के स्तर में 25 प्रतिशत की गिरावट देखी है। सुब्रमण्यम ने कहा, आरटीई ने कई अच्छी चीजें की हैं लेकिन अब भी खामियां हैं। पहली खामी है गुणवत्ता। आरटीई मूलभूत सुविधाओं की गुणवत्ता की बात करता है लेकिन इस पर बहुत ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।
संघ से जुड़े संगठन की मंशा, अंग्रेजी को दबा मातृ भाषा पर दिया जाए जोर

संघ से जुड़े संगठन की मंशा, अंग्रेजी को दबा मातृ भाषा पर दिया जाए जोर

आरएसएस से जुड़े संगठन शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की मंशा है कि स्कूलों में उच्च शिक्षा तक मातृ भाषा में ही बच्चों को सभी निर्देश दिए जाएं। न्‍यास ने नई शिक्षा नीति की सिफारिश में इस तरह की इच्‍छा व्‍यक्‍त की है। सिफारिश मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भेजी गई है। संगठन चाहता है कि जल्द लागू होने वाली नई शिक्षा नीति में उसकी सिफारिशों पर गौर करते हुए अंग्रेजी की जगह मातृ भाषा को बढ़ावा जाए।
नियमों की अवमानना : कंपनी रजिस्‍ट्रार ने डीडीसीए को जारी किया नोटिस

नियमों की अवमानना : कंपनी रजिस्‍ट्रार ने डीडीसीए को जारी किया नोटिस

कारपोरेट मंत्रालय के कंपनी रजिस्‍ट्रार ने कंपनी अधिनियम के सेक्‍शन 137,92 और 96 के तहत नियमों का पालन नहीं करने के एवज में दिल्‍ली डिस्टि्रक क्रिकेट एसोसिएशन डीडीसीए को नोटिस जारी किया है।
मप्र: आंकड़ों में घिरी भाजपा सरकार, करोड़ों को पोषाहार देने का दावा सवालों में

मप्र: आंकड़ों में घिरी भाजपा सरकार, करोड़ों को पोषाहार देने का दावा सवालों में

मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने अपने ही आंकड़ों से अपने लिए बवाल खड़ा कर दिया। मामला पोषाहार बजट का है। सरकार ने बजट ज्यादा दिखाने के लिए आंकड़ों में एक करोड़ से भी ज्यादा बच्चों को पोषाहार बांटने का दावा किया है। लेकिन यह आंकड़ा खुद सरकार के लिए ही मुसीबत खड़ी करने वाला है।
प्रसव के वक्त साथ रह सकेंगी बर्थ कंपेनियन

प्रसव के वक्त साथ रह सकेंगी बर्थ कंपेनियन

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत बर्थ कंपेनियन योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत लेबर रूम में गर्भवती के साथ परिवार की एक महिला रह सकेगी। यदि परिवार की महिला न हों तो ग्रामीण इलाकों में आशा वर्कर यह काम करेंगी।
राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद मुखर्जी का नया पता होगा 34, एपीजे अब्दुल कलाम रोड

राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद मुखर्जी का नया पता होगा 34, एपीजे अब्दुल कलाम रोड

राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद प्रणब मुखर्जी का नया आशियाना दिवंगत पूर्व लोकसभा स्पीकर पी ए संगमा को आवंटित बंगला हो सकता है। शहरी विकास मंत्रालय ने उस बंगले में रह रहे संगमा के बेटे और लोकसभा सासंद कॉनराड से उसे छोड़ने का अनुरोध किया है। राष्ट्रपति मुखर्जी का कार्यकाल अगले साल जुलाई में समाप्त हो रहा है।
शिक्षा में बदलाव जरूरी, आज की कई नौकरियां भविष्य में नहीं होंगी: नीलेकणि

शिक्षा में बदलाव जरूरी, आज की कई नौकरियां भविष्य में नहीं होंगी: नीलेकणि

इन्फोसिस के सह संस्थापक नंदन नीलेकणि ने कौशल तथा शिक्षा में बदलाव पर जोर देते हुए कहा है कि आज की कई नौकरियां भविष्य में नहीं दिखेंगी।
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