दिल्ली स्थित देश के प्रतिष्ठित जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय ने इस साल अपने दीक्षांत समारोह के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुख्य अतिथि बनने का न्यौता दिया है। हालांकि अभी तक विश्वविद्यालय को इस संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय से कोई स्वीकृति नहीं मिली है।
चिंटू उपनाम से मशहूर ऋषि कपूर का नाम चिंटू कैसे पड़ा इसके पीछे एक दिलचस्प दास्तां है। लेकिन उन्हीं की जुबानी सुनने के लिए उनके प्रशंसकों को टेलीविजन का एक शो देखना होगा।
भारत एक गरीब देश है जैसे निबंध रटने वाले बच्चों को अब यह बताना होगा कि भारत गरीब नहीं रह गया है। कारण? बॉलीवुड पर नजर डाल लें तो पता चलेगा कि भारत में इतना अनाप-शनाप पैसा हो गया है कि ‘ऑल इज वेल’ जैसी फिल्म बनाई जा सकती है।
गरीबी और भ्रष्टाचार को कैमरे से कैद करने वाला एक युवा पत्रकार खुद फिल्म की कहानी बन गया। वह छोटे-छोटे सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार और गरीबी पर वीडियो बना उन्हें इंटरनेट पर लोड कर देता। उसकी कहानियां वाशिंगटन डीसी के लॉयरेल ग्वीज डेक और ग्रेगरी वॉल्स ने देखी तो उसपर फिल्म बनाने के लिए भारत आ पहुंचे। फिल्म लगभग तैयार है।
दिल्ली में उपराज्यपाल द्वारा नियुक्त एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) के प्रमुख मुकेश मीणा की नियुक्ति को दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। इसके बाद दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच विवाद और गहरा गया है।
सरकार ने तमिलनाडु औद्योगिक विकास निगम और टयू डेवलपर्स सहित 22 विशेष आर्थिक क्षेत्रों (सेज) की मंजूरी रद्द कर दी है। इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन में संतोषजनक प्रगति नहीं होने की वजह से मंजूरी रद्द की गई।
दिल्ली के एंटी करप्शन ब्यूरो पर कब्जे की जंग तेज होती जा रही है। दिल्ली के उपराज्यपाल की ओर से नियुक्त एसीबी के चीफ एमके मीणा को दिल्ली सरकार ने यह कहते हुए चार्ज लेने से रोक दिया कि एसीबी में संयुक्त आयुक्त का कोई पद नहीं और एसीबी में पहले से एक प्रमुख मौजूद है। दिल्ली सरकार ने एसीबी में मीणा की नियुक्ति का आदेश जारी करने वाले राज्य के गृह सचिव धर्म पाल को भी हटाने का फैसला किया है। हालांकि, उपराज्यपाल नजीब जंग ने गृह सचिव को हटाने से इन्कार कर दिया है जबकि एमके मीणा का कहना है कि वह एसीबी प्रमुख का चार्ज ले चुके हैं। इस बीच, दिल्ली सरकार ने एसीबी में मीणा की नियुक्ति के आदेश को भी गृह विभाग से रद्द करवा दिया है।
विश्व की 2000 सबसे बड़ी और शक्तिशाली सूचीबद्ध कंपनियों में से 56 भारत में हैं। यह बात फोर्ब्स की सालाना सूची में कही गई जिसमें 579 कंपनियों के साथ अमेरिका शीर्ष पर है।