नीति आयोग ने एक सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी किया है। जिसके मुताबिक कर्नाटक देश का सबसे भ्रष्ट राज्य है। वहीं हिमाचल प्रदेश, केरल और छत्तीसगढ़ को सबसे कम भ्रष्ट राज्य माना गया है।
वित्त मंत्रालय ने साफ किया है कि सरकार का कृषि आय पर किसी तरह का कर लगाने का इरादा नहीं है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को एक बयान में कहा कि मैंने नीति आयोग की रिपोर्ट पढ़ी, जिसमें कृषि आय पर कर लगाने की बात कही गई है। इस पर किसी तरह का भ्रम पैदा हो इससे पहले मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि सरकार का कृषि आय पर किसी तरह का कर लगाने का कोई इरादा नहीं है। जेटली ने कहा कि संविधान में प्रदत्त शक्तियों के आधार पर सरकार के पास कृषि आय पर कर लगाने का कोई अधिकार नहीं हैं।
समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के छोटे बेटे प्रतीक यादव और बहू अपर्णा यादव आज सुबह उत्तर प्रदेश के नव निर्वाचित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने पहुंचे। अपर्णा और प्रतीक की सीएम योगी से करीब 10 मिनट तक मुलाकात चली।
झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य में निवेशकों को निवेश के लिए तहे दिल से आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा कि निवेशकों के लिए वह सारी सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे। औद्योगिक विकास के लिए विधि-व्यवस्था और औद्योगिक शान्ति सहित अन्य मापदंडों पर भी सरकार पूरी तैयारी के साथ उनका साथ देगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 दिसंंबर को नीति आयोग की बैठक में अर्थव्यवस्था की स्थिति का जायजा लेंगे और आर्थिक वृद्धि को गति देने के उपायों पर चर्चा करेंगे। नोटबंदी के बाद नकदी की तंगी के बीच यह बैठक हो रही है।
नीती आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा है कि मौजूदा सरकार की विमुद्रीकरण की नीति एक क्रांति है, जिससे निसंदेह देश तरक्की करेगा। कांत के अनुसार विमुद्रीकरण के बाद देश के बैंकों में डिपोजिट बढ़ेगी जिससे काफी सारे लाभ होंगे। मसलन ब्याज दरों में कमी आएगी। बाजार के तंत्र में भ्रष्टाचार कम होगा। आयकर स्लैब में कमी आएगी। कांत ने कहा कि विमुद्रीकरण से पहले 86 फीसदी धन का लेन देन कैश में हाेेता था। जिसमें भ्रष्टाचार और लीकेज की आशंका अधिक थी। विमुद्रीकरण के बाद इनमें कमी आएगी। ई कॉमर्स को बढ़ावा मिलेगा। बाजार में धन का लेन देन पारदर्शी बन सकेगा।
सरकार ने संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से एक दिन पहले 15 नवंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इसमें नोटों को अमान्य किए जाने, लक्षित हमले और तीन तलाक जैसे मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। विपक्ष इन मसलों पर सरकार पर हावी हो सकता है। आगामी दिनों में चुनाव की रणनीति को तैयार करने के लिहाज से भी यह बैठक सभी दलों के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है।