एक रैंक एक पेंशन के मुद्दे पर आत्महत्या करने वाले पूर्व सैन्यकर्मी रामकिशन ग्रेवाल का गुरुवार को भिवानी के पास स्थित उनके पैतृक गांव बामला में कड़ी सुरक्षा के बीच अंतिम संस्कार किया गया, जिसमें कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल सहित विभिन्न राजनीतिक नेताओं की उपस्थिति देखी गयी। ग्रेवाल के ज्येष्ठ पुत्र दिलावर ने दोपहर करीब बारह बजे बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति के बीच अपने पिता के शव को मुखाग्नि दी। इस अवसर पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राम किशन ग्रेवाल के परिवार वालों के लिए एक करोड़ रूपये के मुआवजे की घोषणा की।
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने गुरुवार को कहा कि केवल एक लाख पूर्व-सैनिकों को वन रैंक वन पेंशन योजना के अनुसार पेंशन पाने में दिक्कत आ रही है और इसे दो महीने में सुलझा लिया जाएगा।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को प्रधानमंत्राी नरेंद्र मोदी से कहा कि एक रैंक, एक पेंशन :ओआरओपी: को वे अर्थपूर्ण तरीके से लागू करें। यह बात उन्होंने एक पूर्वसैनिक द्वारा कथित तौर पर इस मुद्दे को लेकर की गई आत्महत्या की पृष्ठभूमि में कही है। उन्होंने कहा कि सैनिकों को अपना हक पाने के लिए संघर्ष करने की जरूरत नहीं पड़नी चाहिए।
वन रैंक वन पेंशन की मांग को लेकर काफी समय से जंतर मंतर में धरने पर बैठेे एक पूर्व सैन्य कर्मी ने खुदकुशी कर ली। जान देने वाले शख्स का नाम राम किशन है। वह कई महीने से वन रैंक वन पेंशन की मांग को लेकर धरना दे रहा था। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सैनिक की खुदकुशी पर ट्वीट किया है कि मोदी राज में किसान और जवान दोनोंं आत्महत्या कर रहे हैं। केजरीवाल ने खुदकुशी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री झूठ बोल रहे हैं कि केंद्र सरकार ने वन रैंक वन पेंशन को लागू कर दिया है। उन्होंने सवालिया अंजाद में कहा है कि अगर OROP लागू होती तो राम किशन काेे खुदकुशी नहीं करनी पड़ती।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के सुमदो में सेना औऱ आईटीबीपी जवानों के साथ दिवाली मनाई। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि एक रैंक एक पेंशन (ओआरओपी) के क्रियान्वयन के लिए 5,500 करोड़ रूपये का भुगतान कर पूर्व में किए गए वादे को पूरा कर दिया गया है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखकर सैनिकों के हक में आवाज बुलंद की है। राहुल ने चिट्ठी में कहा है कि सेना के जवानों को वो सब कुछ मिलना चाहिए जिसके वे हकदार हैं।
रिटायर्ड सैन्य कर्मियों के प्रदर्शन के बाद 7 नवंबर 2015 को केंद्र सरकार ने वन रैंक-वन पेंशन स्कीम को लागू करने की घोषणा की थी। जिसके तहत सशस्त्र सुरक्षा बलों के सभी रिटायर्ड कर्मचारियों को एक जैैसी पेंशन मिलनी थी। सरकार की इस स्कीम को लागू करने में हो रही देरी पर रिटायर्ड सैन्य कर्मियें ने सवाल उठाए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी मोदी सरकार से देरी पर लिखित जवाब मांंगा है। कोर्ट ने सरकार को जवाब देने के लिए 8 माह का समय दिया है।
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने पूर्व सैनिकों के मेडल जलाने की कोशिशों को राष्ट्र और सशस्त्र बलों का अपमान बताते हुए आज कहा कि पूर्व सैनिकों को साबित करना चाहिए कि एक रैंक एक पेंशन (ओआरओपी) आंदोलन के पीछे कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं है।