स्मृति शेष : महामहोपाध्याय आचार्य डॉ. कमलेशदत्त त्रिपाठी की अनुपस्थिति का अर्थ काशी की वैदुष्य परंपरा के शिखर आचार्य महामहोपाध्याय डॉ. कमलेशदत्त त्रिपाठी (4 अगस्त, 1938-3 दिसंबर, 2023) शिव... DEC 05 , 2023
व्यक्तिगत आक्षेप एवं फूहड़ता से दूर रहकर हास्य पैदा करने वाले कलाकार राजू श्रीवास्तव श्रद्धांजलि : राजू श्रीवास्तव ( 1963 - 2022) वर्तमान समय की लोकप्रिय हास्य विधा स्टैंड अप कॉमेडी के... SEP 21 , 2022
स्मृति: डिस्को किंग से कहीं बड़े “1970 के दशक के अंतिम वर्ष में डिस्को संगीत की बढ़ती लोकप्रियता ने बप्पी दा के आगे बढ़ने का रास्ता... MAR 12 , 2022
स्मृति: कथा साहित्य का मजबूत स्तंभ “लेखिका मन्नू भंडारी का अपना विशिष्ट स्थान रहा है” मन्नू भंडारी (3 अप्रैल 1931-15 नवंबर 2021) हिंदी की... DEC 11 , 2021
एसपी बालासुब्रमण्यम: जवां आवाज का विनम्र गायक कामदारनगर में एक ऑटो वाले से मैंने पूछा, “क्या ये एसपी बालासुब्रमण्यम सर का घर है।” उसने हामी भरी।... OCT 08 , 2020
डीन जोंस: वक्त से आगे का क्रिकेटर “मैं जैसे बेहोश होने वाला था। मुझमें खड़ा होने की भी ताकत नहीं थी। तभी मेरे कप्तान और बैटिंग पार्टनर... OCT 08 , 2020
पलकन डगर बुहारें, तब भी नहीं आएंगे रवीन्द्र जैन संगीत सरहदें नहीं जानती, जाति, धर्म और बंटवारा नहीं मानती। पत्तों-पत्तों, हवाओं के रेशों-रेशों, बादलों के रुनझुन सी बूंदों में, हर रंगों की झलकियों में प्रतिपल ध्वनियां प्रवाहित होती हैं। OCT 10 , 2015