Advertisement

Search Result : "Old Rajendra Nagar Coaching Incident"

केजरीवाल कहें कि वह अकबर रोड का नाम बदलने के पक्ष में नहीः जस्टिस सच्चर

केजरीवाल कहें कि वह अकबर रोड का नाम बदलने के पक्ष में नहीः जस्टिस सच्चर

वीके सिंह द्वारा अकबर रोड का नाम बदल कर महराणा प्रताप रोड करने के बयान पर जस्टिस राजेंद्र सच्च ने लिखा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र
लालू के बाद अब मुलायम से मिले योग गुरु रामदेव

लालू के बाद अब मुलायम से मिले योग गुरु रामदेव

योग गुरु बाबा रामदेव ने रविवार को उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया मुलायम सिंह यादव और उनके मुख्यमंत्री पुत्र अखिलेश यादव से मुलाकात की।
गांधी के पोते दिल्ली के ओल्ड एज होम में, गुजरात से क्यों आए, वजह नहीं बता रहे

गांधी के पोते दिल्ली के ओल्ड एज होम में, गुजरात से क्यों आए, वजह नहीं बता रहे

महात्मा गांधी के सबसे करीबी रह चुके उनके पोते कनु भाई गांधी दिल्ली के एक ओल्ड एज होम में रह रहे हैं। दिल्ली के बदरपुर इलाके के पास बसी इस बस्ती में पिछले कुछ समय से लोगों का आना जाना बढ़ गया है।
कोटा : आत्महत्याएं कैसे रुकें

कोटा : आत्महत्याएं कैसे रुकें

देश में प्राथमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा से लेकर तकनीकी शिक्षा पद्धति के विरोधाभास एवं दुविधा की स्थिति के बीच एक बेहतर कल की आस में कोचिंग संस्थाओं के जंजाल में फंसे छात्रों द्वारा आत्महत्या का सिलसिला बदस्तूर जारी है, ऐसे में कोचिंग संस्थानों के नियमन के लिए एक केंद्रीय कानून बनाने की मांग तेज हो गई है।
सीबीआई का वारः वीरभद्र के बाद केजरीवाल

सीबीआई का वारः वीरभद्र के बाद केजरीवाल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीबीआई के जरिए गैर-भाजपा मुख्यमंत्रियों पर दबाव डालने का आरोप बढ़ रहा है, भाजपा के मुख्यमंत्रियों पर भ्रष्टाचार के मामलों में नहीं दिखी सक्रियता
‘अब क्या’ सोचने का वक्त

‘अब क्या’ सोचने का वक्त

श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर फाउंडेशन के संवाद श्रृंखला 2 में समसामयिक घटना पुरस्कार वापसी और उसके विरोध पर ‘अब क्या’ विषय पर संवाद का आयोजन किया गया। पुरस्कार वापसी का समर्थन और विरोध कर रहे दोनों ही पक्षों ने अपनी-अपनी बात रखी।
पुराना घर और पुरानी बस्ती

पुराना घर और पुरानी बस्ती

वरिष्ठ कथाकार ‘दूसरा कदम’, ‘उनका जीवन’, ‘कछुए की तरह’, ‘एकत्र’ और ‘भूलने का रास्ता’ जैसे कथा-संग्रहों को मिलाकर अब तक नौ कहानी संग्रह प्रकाशित। मध्यप्रदेश विद्युत मंडल से सेवानिवृत्ति के बाद स्वतंत्र लेखन तथा ‘पहल’ पत्रिका के संपादन में सहयोग।
राजेंद्र राव की कहानी 'दोपहर का भोजन'

राजेंद्र राव की कहानी 'दोपहर का भोजन'

राजेंद्र राव शिक्षा और पेशे से भले ही इंजीनियर रहे हों, मगर उनका मन सदैव साहित्य और पत्रकारिता में ही रमा रहा । तकनीकी और प्रबंधन के क्षेत्र में काफी समय बिताने के बाद अवसर मिलते ही साहित्यिक पत्रकारिता में आ गए। कृतियों में एक उपन्यास, सात कथा संकलन और कथेतर गद्य के बहुचर्चित संकलन उस रहगुजर की तलाश है । संप्रति दैनिक जागरण में साहित्य संपादक।
प्रकृति करगेती की कहानी: ठहरे हुए से लोग

प्रकृति करगेती की कहानी: ठहरे हुए से लोग

प्रकृति करगेती की यह पहली कहानी है। इसी कहानी पर उन्हें प्रतिष्ठित राजेन्द्र यादव हंस कथा सम्मान मिला है। दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में स्नातक प्रकृति मुंबई में नेटवर्क 18में प्रोमो प्रोड्यूसर के पद पर काम करती हैं। कहानी लिखने से पहले प्रकृति कविताएं लिखती रही हैं। पहाड़ों के नाम लिखी गई उनकी कविताएं कई प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं।
झाबुआ की तरह बारूद के ढेर पर बैठा नीम का थाना

झाबुआ की तरह बारूद के ढेर पर बैठा नीम का थाना

झाबुआ के पेटलवाद में डिटोनेटर का अवैध कारोबार सौ के करीब जिंदगियां लील गया। सिलसिला थमा नहीं है। झाबुआ कांड से भी अगर सरकार नहीं जागती है तो राजस्थान के अरावली क्षेत्र में झाबुआ कांड होते देर नहीं लगेगी। एक तरह से बारूद के ढेर पर बैठा है यह इलाका। खनन का विरोध करने वाले गांववासी हजारों दफा शिकायत कर चुके हैं। डिटोनेटर के कई ट्रक पकड़वा चुके हैं। यहां तक कि इस इलाके में जाने पर डिटोनेटर की पेटियां खुले में यहां-वहां पड़ी मिल जाती हैं लेकिन सरकार और स्थानीय प्रशासन बिल्कुल मूक हैं। गांववासियों की कोई सुनवाई नहीं।
Advertisement
Advertisement
Advertisement