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उत्‍तराखंड में हरीश रावत ने मारी बाजी, भाजपा हुई निराश

उत्‍तराखंड में हरीश रावत ने मारी बाजी, भाजपा हुई निराश

उत्तराखंड में फ्लोर टेस्ट में कांग्रेस की हरीश रावत सरकार सफल हो गई है। हरीश रावत द्वारा रखे गये विश्वास मत प्रस्ताव में उन्हें 33 विधायकों के मत मिले हैं। विधानसभा अध्‍यक्ष के मत पर असमंजस की स्थिति है। सूत्र हालांकि कह रहे हैं कि कांग्रेस को 34 मत मिले हैं। विपक्ष में 28 मत पड़े हैं।
उत्‍तराखंड में भाजपा को झटका, कांग्रेस के 9 बागी विधायक अयोग्‍य

उत्‍तराखंड में भाजपा को झटका, कांग्रेस के 9 बागी विधायक अयोग्‍य

उत्तराखंड में सत्‍ता गठन का सपना संजो रही भाजपा को करारा झटका लगा है। उच्‍च न्‍यायालय ने कांग्रेस के 9 बागी विधायकों की याचिका खारिज करते हुए उन्‍हें अयोग्य करार दिया है। हाई कोर्ट के ऐसे रुख के बाद बागी विधायक सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में हैं।
स्टिंग मामले में हरीश रावत की मुश्किलें बढ़ीं, सीबीआई ने भेजा समन

स्टिंग मामले में हरीश रावत की मुश्किलें बढ़ीं, सीबीआई ने भेजा समन

सीबीआई ने स्टिंग जांच के सिलसिले में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को समन भेजा है। जानकारी के अनुसार, विधायकों की खरीद फरोख्त से संबंधित स्टिंग ऑपरेशन केस में सीबीआई ने हरीश रावत को समन भेजा है।
जीवन का विज्ञान आयुर्वेद

जीवन का विज्ञान आयुर्वेद

आयुर्वेद का अर्थ है, जीवन का विज्ञान। आयुष वेद से मिल कर बने इस शब्द में आयुष का मतलब है जीव और वेद का मतलब है विज्ञान। आयुर्वेद के सिद्धांत को आगे बढ़ाने के लिए दिल्ली के खेड़ा डाबर, नजफगढ़ में चौधरी ब्रह्मप्रकाश आयुर्वेद चरक संस्थान की नींव रखी गई है। यह संस्थान आयुर्वेद की उस धारणा को तोड़ता है जिसमें समझा जाता है कि आयुर्वेद मात्र कुछ जड़ी-बूटियों के सहारे चलता है। यहां पूरे भारत से उच्च शिक्षा प्राप्त अध्यापक हैं और वैज्ञानिक तरीके से मरीजों का इलाज किया जाता है। यहां अन्य विभागों के साथ लीच यानी जोंक चिकित्सा पद्धति, पंचकर्म, क्षार सूत्र विधि विशेष तौर पर लोकप्रिय हैं। पंचकर्म विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अरुण गुप्ता कहते हैं, 'आम आदमी के लिए पंचकर्म सिर्फ मसाज है। ज्यादातर स्पा केंद्रों ने पंचकर्म की एक प्रक्रिया शिरोधारा के फोटो को इतना प्रमोट किया है कि आम जन में यह धारणा हो गई है कि शिरोधारा ही पंचकर्म है।’ प्रो. गुप्ता कहते हैं, 'सरकार को इस चिकित्सा पद्धति के मानक तय करने चाहिए। यानी यदि कोई केंद्र पंचकर्म शब्द का इस्तेमाल कर रहा है तो उसके पास अनिवार्य रूप से क्या सुविधाएं होनी चाहिए। जैसे मधुमेह के रोगियों को तेल की मालिश पंचकर्म में वर्जित है।’ प्रोफेसर गुप्ता बस्ती नेत्र यानी एनीमा देने के उपकरण पर भी सवाल उठाते हैं। वह बताते हैं कि इस अस्पताल में हर चीज मानक रूप से तय की गई है। लंबे मीनारनुमा इस उपकरण के आगे के छेद की गोलाई मटर के दाने बराबर और पीछे का छेद की गोलाई अंगूठे की मोटाई के बराबर होनी चाहिए। यह अस्पताल का सबसे ज्यादा व्यस्त रहने वाला विभाग है, जिसमें सौ से ज्यादा मरीज हमेशा मौजूद रहते हैं।
केंद्र सरकार के खिलाफ है हाईकोर्ट का फैसला

केंद्र सरकार के खिलाफ है हाईकोर्ट का फैसला

नैनिताल उच्च न्यायालय ने अपने अंतरिम आदेश के जरिए एक समानांतर प्रक्रिया शुरू की, जिसका अभी तक कोई उदाहरण नहीं मिलता, पहली बार राष्ट्रपति शासन के अंतर्गत होगा बहुमत परीक्षण
चर्चा : पर्वत पर सौदेबाजी के आंसू। आलोक मेहता

चर्चा : पर्वत पर सौदेबाजी के आंसू। आलोक मेहता

मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड से अधिक सुंदर पर्वतीय क्षेत्र, विविधता की संस्कृति, भोली भाली संघर्षशील जनता संपूर्ण विश्व में अदभु,त है। स्विट्जरलैंड से कई गुना बेहतर हिम शृंखला हिमालय में है। आजादी के बाद इस क्षेत्र को आवश्यकता और आकांक्षाओं के अनुरूप आर्थिक प्रगति के लाभ नहीं मिले। उत्तर प्रदेश का हिस्सा रहने पर उत्तराखंड के लोगों को रोजगार सहित विभिन्न सुख-सुविधाओं की कमी खलती रही। इसीलिए बड़े संघर्ष के बाद उत्तराखंड को छत्तीसगढ़ और झारखंड के साथ अलग राज्य का दर्जा मिला।
समीक्षा - ये ‘गंगाजल’ प्रकाश झा का है

समीक्षा - ये ‘गंगाजल’ प्रकाश झा का है

अपनी पुरानी फिल्म को झाड़-पोंछ कर दर्शकों के लिए फिर नया और देखने लायक कैसे बनाया जाता है यह तो प्रकाश झा से सीखा ही जाना चाहिए। शायद यही कारण है कि अपनी सफल फिल्म गंगाजल को झा ने जय गंगाजल नाम से फिर बना दिया।
प्रियंका की छवि से चमकेगी ‘गंगाजल’

प्रियंका की छवि से चमकेगी ‘गंगाजल’

प्रकाश झा सन 2003 में आई अपनी ही फिल्म गंगाजल का सीक्वेल बना रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि प्रियंका चोपड़ा की अंतरराष्ट्रीय शोहरत से फिल्म को मदद मिलेगी।
‘अब क्या’ सोचने का वक्त

‘अब क्या’ सोचने का वक्त

श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर फाउंडेशन के संवाद श्रृंखला 2 में समसामयिक घटना पुरस्कार वापसी और उसके विरोध पर ‘अब क्या’ विषय पर संवाद का आयोजन किया गया। पुरस्कार वापसी का समर्थन और विरोध कर रहे दोनों ही पक्षों ने अपनी-अपनी बात रखी।
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