देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को लेकर लोग काफी जागरुक हो गए हैं। सभी देशवासी अपना-अपना सहयोग देकर देश को स्वच्छ और खुले मे शौच से मुक्ति बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं।सिर्फ यही नहीं बल्कि काफी लोग ऐसे भी हैं, जो बिना सरकार के मदद के अपना काम स्वयं कर रहे हैं और नई मिसाल कायम कर रहे हैं।
सीबीआई की विशेष अदालत ने कोयला घोटाला में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को बड़ी राहत दी है। अदालत ने कहा है कि मनमोहन सिंह के सामने यह मानने का कोई कारण नहीं था कि तत्कालीन कोयला सचिव एचसी गुप्ता ने कोल ब्लॉक आवंटन के लिए नियमों का पालन नहीं करने वाली कंपनी की सिफारिश की है।
अरविंद केजरीवाल के खिलाफ अनशन पर बैठे दिल्ली के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने आज एक बार फिर केजरीवाल पर आरोप लगाया है। मिश्रा ने दावा किया कि फर्जी लोगों के नाम से पार्टी के लिए फंड लिया गया। वहीं मिश्रा ने केजरीवाल पर कालेधन को सफेद करने की कोशिश का भी आरोप लगाया है।
निर्भया कांड के दोषियों को फांसी की सजा बरकरार रख अदालत ने अपनी तरह से इंसाफ कर दिया है, लेकिन महिलाओं को सुरक्षित माहौल देने के मामले में सरकारी सुस्ती दूर नहीं हुई है। महिला सुरक्षा और पीड़ित महिलाओं के पुनर्वास के लिए स्थापित निर्भया फंड के इस्तेमाल की गति शुरुआत से ही काफी धीमी रही है।
देश की शीर्ष म्यूचुअल फंड कंपनियों के मुख्य कार्याधिकारियों :सीईओ: को कारोबार में वृद्धि के साथ ही वेतन में भी अच्छी खासी वृद्धि दी गई है। कई ऐसे छोटे कोष भी हैं जो घाटे में चल रहे हैं अथवा उनका मुनाफा काफी कम रहा है, लेकिन उनके सीईओ को भी करोड़ों रुपये के वेतन पैकेज दिये गये।
उत्तर प्रदेश की सरकार का कृषि पर ऋण माफी के फैसले को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सही कदम बताया और कहा किसानों के लिए यह सिर्फ आंशिक राहत है। राहुल ने कहा कि इस मामले को लेकर केंद्र सरकार को राष्ट्रीय स्तर पर कदम उठाना चाहिए।
दक्षिणी कोलंबिया में भारी बारिश के कारण बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या बढ़कर 254 हो गई है। बाढ़ और भूस्खलन के शिकार लोगों की खोजबनी के लिए राहत बचाव कार्य जारी है। इस प्राकृतिक आपदा में सैकड़ों लोग घायल जबकि 300 से भी अधिक लोग लापता हैं।
आस्ट्रेलिया सरकार की कोष प्रबंधक कंपनी ने भारत की दिग्गज कंपनी अडाणी की क्वींसलैंड में 21 अरब डालर की विवादास्पद कोयला खान परियोजना में निवेश को लेकर रूचि दिखायी है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आय खुलासा योजना के तहत कालेधन की घोषणा करने वाले उन लोगों को किसी प्रकार की राहत देने से इनकार किया है जिन्होंने व्यक्तिगत समस्याओं या नकदी की कमी के कारण कर और जुर्माने की पहली किस्त निर्धारित समय सीमा में जमा नहीं की है।