Advertisement

Search Result : "Political uproar"

ओरलांडो के बहाने अमेरिका की बंदूक संस्कृति पर सवाल

ओरलांडो के बहाने अमेरिका की बंदूक संस्कृति पर सवाल

अकेले अमेरिका में ही घृणा या नफरत फैल रही हो ऐसा नहीं है, बाकी देशों में भी ऐसा हो रहा है। हर तरफ असंतोष और आक्रोश के विस्फोट की घटनाएं हमारे सामने आ रही है। लेकिन अमेरिका में और खास तौर से इसके समाज में इस तरह की हिंसा की ठोस वजहें हैं जिन पर अक्सर या तो कम चर्चा होती है या बिल्कुल ही ध्यान नहीं दिया जाता। अमेरिका में इस तरह की हिंसा के पीछे बड़ी भूमिका हथियारों की, राइफलों की सहज उपलब्धता है।
दिल्ली: विधानसभा में मेज पर चढ़कर विजेद्र गुप्ता ने किया हंगामा

दिल्ली: विधानसभा में मेज पर चढ़कर विजेद्र गुप्ता ने किया हंगामा

दिल्ली विधानसभा में भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने शुक्रवार को सदन में विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया और मेज पर चढ़ गए। गुप्ता के इस कृत्य की काफी आलोचना हुई और विधानसभाध्यक्ष राम निवास गोयल ने इसे अत्यंत शर्मनाक करार दिया और कहा कि इससे सदन की बदनामी हुई है।
राजन के सेवा विस्तार मुद्दे पर ऑनलाइन चर्चा भी गर्म

राजन के सेवा विस्तार मुद्दे पर ऑनलाइन चर्चा भी गर्म

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर रघुराम राजन के सेवा विस्तार पर राजनीतिक और उद्योग जगत में जारी चर्चा के बीच अब यह मामला इंटरनेट पर भी मामला गरमा गया है। इस समय सोशल मीडिया में कम से कम सात ऑनलाइन अपीलें राजन के विस्तार के समर्थन में घूम रही हैं। इन अपीलों पर अब तक 60,000 से अधिक हस्ताक्षर हो चुके हैं।
मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति नशीद को ब्रिटेन ने दिया राजनीतिक शरण

मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति नशीद को ब्रिटेन ने दिया राजनीतिक शरण

ब्रिटेन ने मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद को राजनीतिक शरणार्थी का दर्जा दे दिया है। नशीद को आतंकवाद से जुड़े विवादित आरोपों की सुनवाई के बाद 13 साल कैद की सजा मिली थी, जिसके लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक आलोचनाएं हुई थीं।
द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने चीन पहुंचे राष्ट्रपति मुखर्जी

द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने चीन पहुंचे राष्ट्रपति मुखर्जी

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी चार दिन के चीन दौरे पर मंगलवार को ग्वांग्झू पहुंचे जहां द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण राजनीतिक और आर्थिक समझौते होंगे। वहीं द्विपक्षीय बैठकों के दौरान एनएसजी में भारत की सदस्यता का बीजिंग द्वारा विरोध और जैश ए मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के भारत के प्रयास को रोकने जैसे मुद्दे भी उठेंगे।
अस्पष्ट शब्द वाले कानूनों से असंतोष को दबाता है भारत: मानवाधिकार समूह

अस्पष्ट शब्द वाले कानूनों से असंतोष को दबाता है भारत: मानवाधिकार समूह

मानवाधिकार समूह द ह्यूमन राइट्स वाच (एचआरडब्ल्यू) ने कहा है कि भारत राजद्रोह और आपराधिक मानहानि जैसे अस्पष्ट शब्दों वाले कानूनों का इस्तेमाल नियमित रूप से असंतोष को दबाने के लिए राजनीतिक हथियार के तौर पर करता है। एचआरडब्ल्यू ने सरकार से अनुरोध किया है कि वह ऐसे कानूनों को रद्द करे जिनका इस्तेमाल शांतिपूर्ण अभिव्यक्ति को गैरकानूनी घोषित करने के लिए किया जाता है।
चर्चा : पर्वत पर सौदेबाजी के आंसू। आलोक मेहता

चर्चा : पर्वत पर सौदेबाजी के आंसू। आलोक मेहता

मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड से अधिक सुंदर पर्वतीय क्षेत्र, विविधता की संस्कृति, भोली भाली संघर्षशील जनता संपूर्ण विश्व में अदभु,त है। स्विट्जरलैंड से कई गुना बेहतर हिम शृंखला हिमालय में है। आजादी के बाद इस क्षेत्र को आवश्यकता और आकांक्षाओं के अनुरूप आर्थिक प्रगति के लाभ नहीं मिले। उत्तर प्रदेश का हिस्सा रहने पर उत्तराखंड के लोगों को रोजगार सहित विभिन्न सुख-सुविधाओं की कमी खलती रही। इसीलिए बड़े संघर्ष के बाद उत्तराखंड को छत्तीसगढ़ और झारखंड के साथ अलग राज्य का दर्जा मिला।
तृणमूल घूसकांड : लोकसभा में हंगामा, बंगाल में विपक्ष सड़कों पर उतरा

तृणमूल घूसकांड : लोकसभा में हंगामा, बंगाल में विपक्ष सड़कों पर उतरा

तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के घूसकांड को लेकर लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ। उधर, बंगाल में विपक्षी कांग्रेस, वाममोर्चा और भाजपा के नेता-कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए हैं। नारद न्यूज नाम की एक वेबसाइट ने सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के 11 शीर्ष नेताओं की सीडी जारी कर इन पर लाखों रुपए घूस लेने का आरोप लगाया। मंत्री, सांसद और विधायक- कुल 11 नेताओं को घूस लेते सीडी में दिखाया गया है।
चर्चाः समानान्तर राजनीतिक सत्ता की कमाई

चर्चाः समानान्तर राजनीतिक सत्ता की कमाई

विजय पताका लिए सेनापति दो वर्षों की अवधि में तीन सेनाओं के नेतृत्व का दावा कर रहे हैं। ऐसा चमत्कार तो रामायण-महाभारत काल या विक्रमादित्य और सम्राट अशोक के शासनकाल के युद्ध में भी पढ़ने-सुनने को नहीं मिलता। भारतीय लोकतंत्र में नेहरू-इंदिरा गांधी-राजीव गांधी, नरसिंह राव, अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में सत्ता और संगठन के साथ विचारधाराओं के आधार पर जन समर्थन की सफलता-विफलता देखने को मिली। राव-मनमोहन राज और अटलजी की सत्ता के अंतिम दौर में ‘शाइनिंग इंडिया’ से जुड़ी राजनीतिक टीम और पर्दे के पीछे मोटी रकम देकर सर्वेक्षणों एवं विज्ञापनों की एजेंसियों की सहायता ली गई। लेकिन मोदी युग में समानान्तर राजनीतिक सत्ता का एक नया केन्द्र उभरकर आया। भाजपा, आर.एस.एस. एवं इससे संबद्ध विभिन्न संगठनों, स्वामी रामदेव के लाखों समर्थकों, नए-पुराने नेताओं के धुआंधार प्रचार के बावजूद मोदी-भाजपा की सफलता का श्रेय ‘राजनीतिक प्रचार प्रबंधक’ प्रशांत किशोर ने लिया।
Advertisement
Advertisement
Advertisement