मध्य प्रदेश की राजनीति में तूफान खड़ा करने वाले व्यापमं घोटाले से जुड़े आरोपियों की संदिग्ध मौतों का सिलसिला जारी है। एक ही दिन के अंदर घोटाले से जुड़े दो और आरोपियों की मौत हो गई है। एक आरोपी इंदौर की सेंट्रल जेल में बंद था जबकि दूसरा ग्वालियर में जमानत पर था। दोनों की मौत रविवार को तकरीबन एक ही समय पर हुई है। इस तरह इस मामले में अब तक करीब 40 आरोपियों की मौत हो चुकी है।
यूपी में एक पत्रकारों को जिंदा जलाए जाने की घटना के बाद अब महाराष्ट्र में खनन माफिया द्वारा एक पत्रकार को जिंदा जलाने का मामला सामने आया है। मारा गया पत्रकार मध्य प्रदेश के बालाघाट का रहने वाला था और खनन माफिया और चिटफंड घोटालों के खिलाफ लगातार खबरें दे रहा था। उसका मध्य प्रदेश के बालाघाट से अपहरण हुआ था और उसे नागपुर ले जाकर जिंदा जलाया गया।
पुलिस ने बुधवार को उन पांच यात्रियों का पता लगाने का दावा किया जो उस बस में सवार थे जिसमें एक किशोरी से छेड़छाड़ के बाद उसे बाहर फेंक दिया गया जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने इन यात्रियों के बयान दर्ज कर लिए हैं।
भारत में मीडिया, जनमत और धारणाएं मैनेज की अपनी काबिलियत से यह सरकार अभिभूत हो गई दिखती है। इतना कि अपनी महान क्षमताओं के कल्पना-लोक में मदोन्मत्त विचरती वह अंतरराष्ट्रीय मीडिया या फिर भारत के लिए दशकों से शूल बने पड़ोसी देश के फौजी प्रतिष्ठान को अपने बड़बोलेपन और धौंस-पट्टी से ही प्रभावित कर लेना चाहती है।
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने मंगलवार को कहा कि बोफोर्स की तोपें अच्छी हैं। लेकिन उन्होंने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के उस बयान पर टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया जिसमें बोफोर्स कांड को मीडिया ट्रायल कहा गया है। एक स्वीडिश अखबार को दिए इंटरव्यू में प्रणव मुखर्जी ने कहा है कि बोफोर्स सौदे को घोटाला कहना उचित नहीं है। वह एक मीडिया ट्रायल था।