खरीफ फसलों के लिए केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य का ऐलान किया है। हालांकि अरहर, मूंग और उड़द पर 200 रुपये का अतिरिक्त बोनस दिया जाएगा लेकिन धान, कपास, ज्वार, बाजार जैसी अधिकांश खरीफ फसलों के समर्थन मूल्य में 15 से 50 रुपये तक की मामूली बढ़ोतरी की गई है।
दालों की बढ़ती महंगाई को देखते हुए केंद्र सरकार ने दालों के आयात का फैसला किया है जबकि चीनी मिलों को 6 हजार करोड़ रुपये के ब्याज मुक्त कर्ज दिया जाएगा। इससे पहले भी केंद्र और राज्य सरकारें चीनी मिलों को कई राहत पैकेज दे चुकी हैं। इसके बावजूद गन्ना किसानों को करीब 21 हजार करोड़ रुपये का भुगतान चीनी मिलों के पास अटका हुआ है।
अमूल ने गुजरात से दूध के दाम दो रुपये प्रति लीटर बढ़ाने की शुरुआत कर दी है। अमूल की तर्ज पर अन्य डेयरी कंपनियां भी दूध महंगा कर सकती हैं। इस तरह एक जून सर्विस टैक्स भी 12.36 फीसदी से बढ़कर 14 फीसदी हो जाएगा। इस तरह आम आदमी की जेब पर महंगाई की मार पड़नी तय है।
मोदी सरकार के एक साल के दौरान विभिन्न महानगरों में दालों के दाम 64 फीसदी तक बढ़ चुके हैं। महंगाई से राहत के तमाम दावों के बावजूद आम आदमी पर महंगाई की मार बदस्तूर जारी है।