दिवाली पर्व के लिए यात्रियों की भारी-भरकम भीड़ को देखते हुए मध्य रेलवे कई गंतव्यों के बीच विशेष ट्रेनें चलाएगी, ताकि लोगों को सफर के दौरान परेशानियों को सामना न करना पड़े।
दलित नेता एवं उत्तर पश्चिम दिल्ली से भाजपा सांसद उदित राज ने निजी क्षेत्र और पदोन्नति में आरक्षण के लिए कानून बनाने की मांग करते हुए अनुसूचित जाति-जनजाति संगठनों के अखिल भारतीय परिसंघ की ओर से देशव्यापी आंदोलन चलाने और 28 नवंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में रैली करने का ऐलान किया।
पूजा और दिवाली के दौरान यात्रिायों की अतिरिक्त भीड़ को देखते हुए मध्य रेलवे (सीआर) पुणे और जयपुर, वाराणसी एवं जम्मू तवी के बीच 32 विशेष ट्रेनों का संचालन करेगा।
हरियाणा के झज्जर जिले में एक निजी कॉलेज में दो पक्षों के बीच हुई मामूली झड़प के बाद कश्मीर घाटी के छह छात्रों की पिटाई करने का मामला सामने आया है। घटना के बाद कॉलेज प्रशासन ने आरोपी छात्रों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें निष्कासित कर दिया है।
तेज रफ्तार रेलवे के क्षेत्र में भारत समेत वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धा के लिए बड़ी दावेदारी पेश कर रहे चीन ने देश में 20,000 किमी के ट्रैक नेटवर्क का निर्माण पूरा कर लिया है, जो दुनिया का सबसे लंबा बुलेट ट्रेन नेटवर्क है।
पाकिस्तान आए दिन कोई न कोई नई हरकत करते रहता हैै जिससे भारत के साथ उसके संबंधों को सुधारने की दिशा में झटका लगता है। अब पाकिस्तान कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों के द्वारा मारे गए हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी को नायक की तरह पेश कर रहा है।
इलाहाबाद के एक स्कूल में राष्ट्रगान गाने पर पिछले बारह सालों से पाबंदी लगी हुई है। इस प्राइवेट स्कूल के स्टाफ ने इस बार के स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रगान की इजाजत मांगी तो प्रिंसिपल समेत नौ टीचर्स की नौकरी चली गई।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर दोबारा जमकर हमला किया है। राहुल गांधी ने कहा है कि पीएम मोदी जी का वादा बुलेट ट्रेन चलाने का है। इसका किराया 10 से 15 हजार रुपए से कम नहीं होगा। सिर्फ मोदी जी और उनके सूटबूट वाले दोस्त ही उसमें सफर कर सकेंगे।
चीन ने कई ऑनलाइन समाचार पत्रों का संचालन बंद कर दिया है। इससे पहले अधिकारियों ने स्वतंत्र रिपोर्टिंग और संभवत: संवेदनशील विषयों के बारे में लेख प्रकाशित करने को लेकर उनकी आलोचना की थी।
देश में पिछले दो सालों में खाने पीने की चीजों के दामों में बेेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। लोग इसका रोना भी रो रहे हैं। लेकिन रोजमर्रा के उपयोग की इन वस्तुओं के दामों में कोई कमी नहीं आई। इन सबके बीच शिक्षा पर भी महंगाई की मार पड़ी है। पिछले दो सालोंं में स्कूलों की फीस और शिक्षण सामग्री भी महंगी हुई है।