कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को राजस्थान के बांसवाड़ा में एक किसान रैली के साथ्ा ‘किसान आक्रोश आंदोलन’ की शुरुआत की। राहुल गांधी ने कहा कि आज उन्हें लोकसभा में किसानों के मुद्दे पर बात करने के लिए समय मांगा, पीएम नरेंद्र मोदी भी वहां मौजूद थे, लेकिन हमें एक मिनट भी नहीं दिया गया।
विश्व में मोदी सरकार की लोकप्रियता किस हद तक बढ़ी है इसका सबूत जानी-मानी कंपनी फोर्ब्स ने एक ट्वीट के माध्यम से पेश्ा किया है। फोर्ब्स ने अपने ट्वीट में बताया है कि अपनी वर्तमान सरकार पर भरोसा करने वाले देशों में भारत पहले नंबर पर है।
भाजपा हटाओ, देश बचाओ रैली राजद की रैली है बिहार के महागठबंधन की नहीं। इसमें गैर भाजपाई दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है। इसमें यह बात मायने नहीं रखती कि इसमें जदयू शामिल होगी या नहीं।
हाल ही में एक ओर जहां भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर हैं तो वहीं, केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह भी सरेराह अपनी एक ऐसी हरकत के कारण इंटरनेट यूजर्स का शिकार हो रहे हैं।
सभी किसानों की कर्जा माफी और फसल का न्यूनतम समर्थम मूल्य (एसएमपी) के मुद्दों पर देशभर के किसानों में अलख जगाने के लिए मध्यप्रदेश के मंदसौर से छह जुलाई को जनजागृति यात्रा निकाली जाएगी और यह यात्रा दो अक्तूबर को महात्मा गांधी के किसान आंदोलन की सौवीं वर्षगांठ पर बिहार के चंपारण में समाप्त होगी। यह फैसला शुक्रवार को दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान में जुटे करीब 130 किसान संगठनों ने सर्वसम्मति से लिया। इस यात्रा को अंजाम देने के लिए अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति का गठन किया गया है। इतनी बड़ी संख्या में किसानों के संगठन का एकसाथ जुटना किसान एकता की दिशा में एतिहासिक कदम माना जा रहा है। समजा जाता है कि किसानों की इस तरह एकजुटता लंबे अर्से बाद दिखाई दी है।
देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को लेकर लोग काफी जागरुक हो गए हैं। सभी देशवासी अपना-अपना सहयोग देकर देश को स्वच्छ और खुले मे शौच से मुक्ति बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं।सिर्फ यही नहीं बल्कि काफी लोग ऐसे भी हैं, जो बिना सरकार के मदद के अपना काम स्वयं कर रहे हैं और नई मिसाल कायम कर रहे हैं।
पटना के गांधी मैदान में सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती का मिलन तय नजर आ रहा है। भाजपा से मुकाबला करने के लिए राजद प्रमुख समान सोच रखने वाले दलों को एक जगह लाने के लिए मंच सजा रहे हैं।