भारतीय टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने आज कहा कि टीम ने विवादास्पद फैसला समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) पर चर्चा की थी और भविष्य में इस तकनीक के शुरू किये जाने की उम्मीद करते हैं।
वैश्विक स्तर पर वित्तीय बाजार नियामकों के बीच बेहतर संयोजन पर जोर देते हुए भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन यू के सिन्हा ने आज कहा कि 2008 के ऋण संकट के बाद दुनिया में गैर परंपरागत मौद्रिक नीतियों से बाजार नीति निर्माताओं के नियंत्रण से बाहर हो गए हैं।
गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गैरमौजूदगी को तवज्जो नहीं देते हुए उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा है कि भारत की विदेश नीति में कोई बदलाव नहीं आया है। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्रियों का सम्मेलन नहीं है और जो बात मायने रखती है, वह यह है कि भागीदारी की जाए।
केंद्र सरकार जनता को एक और अधिकार देने जा रही है। जनता को अब पद्म पुरस्कारों के लिए किसी भी हस्ती और लब्धप्रतिष्ठ के नाम की सिफारिश करने का अधिकार मिलने वाला है। संस्कृति मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक पहली बार जनता को ये अधिकार मिल रहा है।
दूसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद पुष्प कुमार दहल प्रचंड 15 सितंबर से तीन दिन के आधिकारिक दौरे पर भारत आ रहे हैं। भारत और नेपाल के संबंधों को लेकर प्रचंड का एजेंडा कितना सकारात्मक होगा- यह सवाल राजनयिक और राजनीतिक गलियारों में शिद्दत से चक्कर काट रहा है। प्रचंड के पूर्ववर्ती के.पी. शर्मा ओली का चीन के प्रति झुकाव जगजाहिर रहा है। इस कारण नेपाल में भारत के प्रति दुर्भावना बढ़ी है। ऐसे में प्रचंड की प्राथमिक चुनौती भारत के साथ संबंधों की नीतियां दुरुस्त करना होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि सरकार की आलोचना करने पर किसी पर देशद्रोह या मानहानि के मामले नहीं लगाए जा सकते। जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस यूयू ललित की पीठ ने कहा, 'यदि कोई सरकार की आलोचना करने के लिए बयान दे रहा है तो वह देशद्रोह या मानहानि के कानून के तहत अपराध नहीं लाया जा सकता। हमने स्पष्ट किया है कि आईपीसी की धारा 124 (ए) को लागू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के पहले के एक फैसले के अनुसार कुछ दिशानिर्देशों का पालन करना होगा।'
भारतीय रिजर्व बैंक के नये गवर्नर डॉ. उर्जित पटेल के सामने अपने पूर्ववर्ती रघुराम राजन के अधूरे एजेंडे को पूरा करने की महत्ती जिम्मेदारी होगी। इस अधूरे काम में बैंकों की गहरी शल्यक्रिया तथा मुद्रास्फीति के खिलाफ लड़ाई जीतना शामिल है।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन का कार्यकाल समाप्त हो गया। अपने अंतिम भाषण में रघुराम राजन ने देश के केंद्रीय बैंक की स्वतंत्रता का संरक्षण करने को कहा है। राजन ने कहा कि सरकार के शीर्ष स्तर को ‘ना’ कहने की रिजर्व बैंक की स्वतंत्रता का संरक्षण होना चाहिए। सरकार के साथ नीतिगत मतभेद पर उनके पूर्ववर्ती डी सुब्बाराव के बयान को याद करते हुए राजन ने कहा, हमें कुछ और आगे बढ़ना होगा, रिजर्व बैंक को केवल मौजूद नहीं रहना होगा बल्कि इसकी ना कहने की क्षमता का संरक्षण किया जाना चाहिए।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि आर्थिक क्षेत्र के अधूरे कार्यों को पूरा करने के लिए वे अपने पद पर कुछ समय और रुकना चाहते थे, लेकिन अपने सेवाकाल के विस्तार के बारे में सरकार से 'उचित तरह का समझौता' नहीं वह नहीं कर सके।