1962 के युद्ध के बाद भारत पर चीन के हमले की आशंका से चिंतित जॉन एफ कैनेडी प्रशासन ने भारत को 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर की सैन्य सहायता की योजना बनाई थी, जिसमें हथियार उत्पादन बढ़ाने में मदद के अलावा छह पर्वतीय इकाइयां बनाने जैसे प्रावधान शामिल थे। एक नई किताब में यह खुलासा किया गया है।
भारतीय जनता पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव में घोषणापत्र जारी करने के बजाय विजन के जरिए बिहार के विकास के लिए उठाए जाने वाले कदमों की चर्चा की। विजन डाक्यूमेंट में भाजपा ने मेक इन इंडिया की तर्ज पर मेक इन बिहार व डिजिटल इंडिया पर जोर दिया है। इसके साथ ही लैपटाप, स्कूटी व रंगीन टीवी बांटने पर भी इस डाक्यूमेंट में जोर दिया गया है। लेकिन यह विजन क्या बिहार की जनता को लुभा पाएगी इसको लेकर राजनीतिक विश्लेषक संशय ही जताते हैं।
बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए होने जा रहे चुनावी महाभारत के लिए मैदान तकरीबन सज चुका है। एक दूसरे को शिकस्त देने के इरादे से दोनों राजनीतिक गठबंधन अपने सेनापतियों के साथ आमने सामने डट गए हैं। तीसरी ताकत के नाम पर कुछ महारथी खुद के जीतने के लिए नहीं बल्कि किसी और को हराने और किसी और की जीत में मददगार साबित होने की रणनीति के तहत अगल बगल से या फिर नेपथ्य में रह कर भी इस चुनावी महाभारत में अपनी भूमिका के लिए उद्धत हैं।
बिहार में राजद-जदयू-कांग्रेस महागठबंधन ने उन सीटों की घोषणा कर दी जिनपर अलग-अलग तीनों पार्टियां चुनाव लड़ेंगी। कुल 243 सीटों में अब राजद और जदयू 101-101 और कांग्रेस 41 सीटों पर लड़ेगी। पटना में तीनों दलों के संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी गई है।
जनता परिवार को एकजुट करने की मुहिम बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ही खत्म हो गई। समाजवादी पार्टी ने राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल यूनाइटेड से नाता तोड़ते हुए बिहार विधानसभा चुनाव में अकेले लड़ने की तैयारी कर ली है। पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव ने इसकी घोषणा भी कर दी।
बेतिया से सांसद रहे झा ने राजद छोड़ सपा में जाने की घोषणा करते हुए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद पर पार्टी कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ नेताओं की कीमत पर परिवार की राजनीति में संलिप्त रहने के आरोप लगाया।
बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू यादव ने समाजवादी पार्टी के दो सीटें और छोड़ दी। अब सपा बिहार में पांच सीटों पर चुनाव लड़ेगी। जनता दल यूनाइटेड, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के गठबंधन ने 243 में से 240 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की जबकि तीन सीटें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के लिए छोड़ी गई थी।
भारतीय जनता पार्टी बिहार में मिशन 185 के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां जुमलों के जरिये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव पर निशाना साध रहे हैं वहीं ये जुमले विधानसभा चुनाव में मुद्दा बनते जा रहे हैं। चुनाव जीतने के लिए भाजपा हर रणनीति अपना रही है। पूर्व सांसद साबिर अली के बाद चारा घोटाले के आरोपी पूर्व मंत्री आरके राणा के पुत्र अमित राणा को भी भाजपा में शामिल कर लिया गया है। इसको लेकर भाजपा के ही लोग दबे स्वरों में सवाल उठाते हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए टमटम का उपयोग करने वाले राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू यादव लिए मुसीबत बन सकता है। पशुओं के साथ नैतिक व्यवहार के पक्षधर संगठन पेटा (पीपुल फॉर द इथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनीमल) ने टमटम से प्रचार के विरोध में चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर आवश्यक कार्रवाई की मांग की है।