भारतीय क्रिकेट टीम के मीडिया मैनेजर निशांत अरोड़ा ने बीसीसीआई के दिल्ली कार्यालय को बंद करने के प्रशासकों की समिति (सीओए) के फैसले के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद 21 राज्य इकाइयों ने पहले ही लोढा समिति को पुष्टि कर दी है कि वे सभी सुधारवादी कदमों को लागू करेंगे लेकिन इस बीच पूर्व अध्यक्षों एन श्रीनिवासन और अनुराग ठाकुर ने बेंगलुरू में अनौपचारिक बैठक में हाथ मिलाए।
बीसीसीआई के विद्रोही तेवरों के प्रति कड़ा रवैया अपनाते हुए उच्चतम न्यायालय ने आज उसके अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के को उनके पदों से हटा दिया और कहा कि उन्हें तुरंत प्रभाव से बोर्ड का कामकाज करना बंद कर देना चाहिए।
बीसीसीआई के बर्खास्त सचिव अजय शिर्के ने आज कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा उन्हें पद से हटाये जाने के फैसले से उन्हें कोई दिक्कत नहीं है लेकिन उन्होंने उम्मीद जताई कि यहां प्रशासनिक बदलाव का असर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बीसीसीआई की स्थिति पर नहीं पड़ेगा।
लोढा समिति के सुधारवादी कदम रोकने के लिए सोमवार को बीसीसीआई अध्यक्ष के रूप में बर्खास्त किए गए अनुराग ठाकुर ने उच्चतम न्यायालय के आदेश पर कहा कि अगर शीर्ष अदालत को लगता है कि क्रिकेट बोर्ड सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के मार्गदर्शन में अच्छा करेगा तो वे उन्हें शुभकामनाएं देतेे हैं।
उच्चतम न्यायालय ने भारत और इंग्लैड के बीच चल रही टेस्ट मैच श्रृंखला के तहत मुंबई और चेन्नै में होने वाले शेष दो टेस्ट मैचों के आयोजन के लिये भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड को एक करोड़ 33 लाख रुपए खर्च करने की आज अनुमति दे दी।
फिदेल कास्त्रो ने 1983 के गुटनिरपेक्ष सम्मेलन में इंदिरा गांधी से गले मिलकर उनका अभिवादन किया था जो उनके भारत के साथ प्रगाढ़ संबंधों को प्रदर्शित करता था। भारत इस विख्यात जूझारू नेता को सदैव अपने एक बड़े मित्र के रूप में देखता रहा है।
भारतीय टीम आगामी हफ्ते में जब इंग्लैंड के खिलाफ शुरूआती टेस्ट के लिये यहां मैदान में उतरेगी तो इसमें अंपायरों की निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) पहली बार ट्रायल आधार पर इस्तेमाल की जायेगी। बीसीसीआई हालांकि लंबे समय तक इस प्रणाली का विरोध करता रहा था।
उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त लोढा समिति ने आज भारतीय क्रिकेट बोर्ड को कहा कि इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) और बीसीसीआई के बीच प्रस्तावित समझौता पत्र आदेश का हिस्सा नहीं है और जब तक विस्तृत जानकारी नहीं मुहैया करायी जायेगी तब तक भुगतान पर कोई भी निर्देश जारी नहीं किये जा सकते।