भाजपा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एजेंडे को प्रखर ढंग से लागू करने से लेकर सरहद पार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तमाम भव्य आयोजनों और उनमें जुटाई जाने वाली भीड़ की जिम्मेदारी उठाने तक या यूं कहें कि मिशन इंपोसिबल को संभव करने का सेहरा नि:संदेह राम माधव के सिर पर बांधा जा सकता है। कश्मीर में साझेदारी में भाजपा की सरकार बनाने का पार्टी का और संघ का दशकों पुराना सपना मूर्त करने का काम पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और संघ के प्रचारक राम माधव ने किया। कश्मीर से जुड़े तमाम पेचीदा सवालों पर आउटलुक की ब्यूरो प्रमुख भाषा सिंह की राम माधव से सीधी-सीधी बात, पेश हैं अंश:
सोशल मीडिया, अखबारों और पत्रिकाओं में नीरजा के बहादुरी के किस्से आ जाने से यह बात फिर दोहराना जरूरी नहीं है कि उस दिन पैन एम की फ्लाइट में क्या हुआ था। जरूरी है कि इस फिल्म ने नीरजा के साथ न्याय किया है या नहीं।
11वीं सदी के भारत का महत्वपूर्ण व्यापारिक शहर चंदेरी, जो बुंदेलों और मालवा के शासकों द्वारा बनवाया गया। ऐतिहासिक इमारतों और गुप्त, प्रतिहार, गुलाम, तुगलक, खिलजी, अफगान, गौरी, राजपूत और सिंधिया वंश द्वारा शासित रहा चंदेरी अब खास रेशमी के कपड़ों के लिए भी जाना जाता है। इससे इतर अपने कलात्मक इतिहास के कारण चंदेरी कभी सांस्कृतिक नगरी के रूप में भी जाना जाता था।
भाजपा महासचिव राम माधव ने कहा है कि आरएसएस का मानना है कि भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश एक दिन सहमति से एक होंगे और अखंड भारत का निर्माण होगा। ऐसा युद्ध के माध्यम से नहीं बल्कि सद्भावना के जरिये होगा।
व्यापक वाम एकता के साथ देश भर में फैल रहे सांप्रदायिक वैमन्सय से मुकाबला करने के लिए जुड़े वाम दल, अंबेडकर को मनुवादी व्यवस्था के खिलाफ नेता के तौर पर स्थापित करने की रणनीति
अब इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है कि देश में केंद्र में किसकी और राज्य में किसकी सरकार है। खास कर जब धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन की बात होगी। यह तय है कि बिना किसी भेदभाव के राज्य के पर्यटन स्थलों पर भी ध्यान दिया जाएगा।
श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर फाउंडेशन के संवाद श्रृंखला 2 में समसामयिक घटना पुरस्कार वापसी और उसके विरोध पर ‘अब क्या’ विषय पर संवाद का आयोजन किया गया। पुरस्कार वापसी का समर्थन और विरोध कर रहे दोनों ही पक्षों ने अपनी-अपनी बात रखी।